भोपाल: अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस समारोह को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों को अंधेरे में रखने के लिए स्वतंत्रता के उपरांत की सरकारों पर निशाना साध दिया है। उन्होंने बोला है कि स्वतंत्रता के उपरांत की सरकारों ने आदिवासियों की समृद्ध विरासत के बारे में देश को जानकारी नहीं दी। इससे पहले उन्होंने सम्मेलन में लाखों की तादाद में आए आदिवासियों का उन्हीं की बोली में स्वागत करते हुए बोला है कि हूं तमारो स्वागत करूं। उन्होंने आदिवासियों को एक मिनट तक उन्हीं की बोली में संबोधित किया।
जिसके पूर्व मंच पर पीएम के आगमन में उन्हें जनजातीय वेशभूषा पहनाई गई। आदिवासी वर्ग के नेताओं ने उन्हें झाबुआ से लाई गई पारंपरिक जैकेट और डिंडोरी से बुलाया गया साफा भी पहना दिया। स्वागत के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ने उनके पैर छूने का प्रयास किया की तो पीएम ने उन्हें रोक दिया।
मोदी के भाषण की प्रमुख बातें: प्रधानमंत्री ने बोला है कि आज का दिन पूरे देश के लिए बहुत बड़ा दिन होने वाला है। आज हिन्दुस्तान अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस सेलिब्रेट कर रहा है। स्वतंत्रता के उपरांत देश में पहली बार, इतने बड़े पैमाने पर पूरे देश के जनजातीय समाज की कला, संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को गौरव के साथ याद किया जा रहा है।
मेरा ये अनुभव रहा है कि जीवन के अहम् कालखंड को मैंने आदिवासियों के मध्य बिताया है। जीवन जीने की वजह, जीवन जीने के इरादे को आदिवासी परंपरा बखूबी प्रस्तुत करती है।
वह आगे कहते है कि मुझे खुशी है कि मध्य प्रदेश में जनजातीय परिवारों में तेजी से मुफ्त वैक्सीनेशन किया जा रहा है। दुनिया के पढ़े-लिखे देश में भी वैक्सीनेशन पर सवालिया निशान लगाने को लेकर भी खबरें आती हैं। लेकिन, मेरे आदिवासी भाई-बहन वैक्सीनेशन के महत्व को समझते हैं। पढ़े-लिखे लोगों को आदिवासियों से सीखना चाहिए।
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