भोपाल: मध्यप्रदेश में सीएम डॉ. मोहन यादव ने नदी जोड़ो अभियान के तहत दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं में पहली परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र की केन-बेतवा वृहद परियोजना है, जबकि दूसरी परियोजना पार्वती- कालीसिंध-चंबल परियोजना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पीएम मोदी जल्द ही केन-बेतवा परियोजना का भूमि पूजन करेंगे। यह परियोजना मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों और नागरिकों के लिए एक वरदान साबित होगी, क्योंकि इसके माध्यम से इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी, जो इस क्षेत्र की एक बड़ी आवश्यकता है। सीम ने यह भी बताया कि इन दोनों परियोजनाओं का लाभ सिर्फ मध्यप्रदेश को ही नहीं, बल्कि उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों को भी मिलेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।
सीएम डॉ. यादव ने आगे कहा कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना पिछले दो दशकों से लंबित थी। इस परियोजना के लिए कई बार प्रयास किए गए, किन्तु कोई ठोस हल नहीं निकल सका। पीएम मोदी ने इस परियोजना के लिए समाधान निकाला तथा इसे लागू करने का मार्ग प्रशस्त किया। इस परियोजना के तहत मध्यप्रदेश के 10 और राजस्थान के 13 जिलों को पानी की आपूर्ति होगी, जिससे इन क्षेत्रों की कृषि, जलसंसाधन, और पेयजल की समस्याओं का समाधान होगा। सीएम ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना के सपने को साकार किया है, जो भारतीय जलसंसाधन के पुनर्विकास और नदी जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर संयंत्र एवं IT पार्क
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया गया है. यह देश में अनोखा है. नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अलग पहचान बना रहा है. इसके साथ ही कई आईटी पार्क युवाओं को रोजगार दे रहे हैं. मध्यप्रदेश की खनिज संपदा, जल संपदा का इस्तेमाल कर समृद्धि की संभावनाएं साकार कर रहा है. हाल ही में आयोजित उद्योग कॉन्क्लेव से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बनाएंगे।
प्रदेश के बजट और आर्थिक योजनाएं
प्रदेश के बजट को साढ़े 3 लाख करोड़ से बढ़ाते हुए 4 वर्ष में 7 लाख करोड़ रूपए तक ले जाने का लक्ष्य है. यह प्रयास है कि जीडीपी में वृद्धि हो तथा मध्यप्रदेश भारत को विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बनने के संकल्प में सहयोगी हो.
कृषि और पशुपालन को बढ़ावा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य में कृषि एवं पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनसे किसानों को लाभ होगा। अब, कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार दुग्ध उत्पादन पर बोनस देने की योजना चला रही है, जिससे किसानों और पशुपालकों को सीधे लाभ मिलेगा। हाल ही में राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ एक समझौता हुआ है, जिसके तहत प्रदेश का दुग्ध उत्पादन देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया जाएगा। इससे न सिर्फ पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में सायबर तहसील व्यवस्था की शुरुआत की गई है, जो देश में एक अनूठी पहल है तथा इससे किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुविधाएं प्राप्त होगी।
महिला कल्याण योजनाएं
सीएम डॉ. यादव ने बताया कि राज्य में लाडली बहनों को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. लाडली बहना योजना में प्रतिमाह 1250 रुपए की राशि प्रदान की जा रही है. महिलाओं को विभिन्न पदों पर 35 फीसदी आरक्षण का फैसला लिया गया है.
रीवा एयरपोर्ट और सिंहस्थ-2028
सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में रीवा एयरपोर्ट का उद्घाटन हुआ है, जो राज्य के लिए एक ऐतिहासिक घटना है। इससे अब रीवा और आसपास के क्षेत्रों से भोपाल तक सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों के आवागमन में सुगमता होगी तथा व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को कई सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पीएमश्री एयर एम्बुलेंस भी आरम्भ की गई है, जो गंभीर रोगियों को एयरलिफ्ट करके बड़े चिकित्सा संस्थानों में पहुंचाती है। इसके साथ ही, पशुओं के लिए भी विशेष एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई है, जिससे पशुपालकों को सहायता मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में सिंहस्थ-2028 के लिए भी व्यापक प्रबंधों की जानकारी दी। सिंहस्थ के अवसर पर सड़कों के निर्माण, श्रद्धालुओं के लिए स्नान व्यवस्था तथा अन्य सुविधाओं के प्रबंध किए जा रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने यह भी बताया कि प्रभु श्रीकृष्ण के जीवन में शिक्षा का विशेष स्थान था तथा उन्होंने कंस को मारने के बाद उज्जैन में आकर शिक्षा ग्रहण की थी, जो एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य है।