नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस के मसले पर पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं के आपराधिक साजिश में लिप्त होने को लेकर सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर यह जानकारी सामने आई है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को न्यायालय से काॅपी मिलने का इंतजार है। न्यायालय के आदेश की प्रति मिलने के बाद दोनों नेता वकील वेणुगोपाल से चर्चा करेंगे।
इसके बाद ही उनकी ओर से इस मामले में कुछ किया जा सकेगा। आडवाणी का नाम सामने आने के बाद उनकी परेशानियां बढ़ गई हैं। दरअसल कथित तौर पर लालकृष्ण आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल था। मगर अब बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर लगाए गए आरोपों के न्यायालयीन प्रक्रिया में आने से उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि वर्ष 1992 में यह घटनाक्रम घटित होने के बाद उत्तरप्रदेश में कल्याण सिंह की सरकार गिर गई थी और देशभर में उपद्रव प्रारंभ हो गए थे।
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में वित्तमंत्री अरूण जेटली, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और सूचना व प्रसारण मंत्री एम वैंकेया नायडू आदि ने भाग लिया। पार्टी ने अभी किसी के भी इस्तीफे की बात नहीं की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी में कहा गया है कि कोई भी इस्तीफा न दे।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में श्री राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विध्वंस मसले पर भाजपा के नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि को लेकर आपराधिक साजिश रचने के आरोप को लेकर सुनवाई की। दरअसल न्यायालय में सीबीआई ने याचिका दायर की थी, जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया। इन नेताओं पर प्रकरण चलाने का आदेश न्यायालय ने दिया है। अब इस मामले में 10 लोगों पर प्रकरण चलाया जाएगा।
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