लखनऊ: गंगा एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने रुहेलखंड के शाहजहांपुर को चुना है। आप सभी को बता दें कि इस स्थान के खास सियासी मायने हैं। वहीं अब PM मोदी महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के जरिए आर्थिक तरक्की की इबारत लिखते हुए शिलान्यास के मंच से रुहेलखंड और मध्य अवध की 50 विधानसभा सीटों के मतदाताओं को साधने के लिए पहुंचे हैं। आज ही वह रुहेलखंड और अवध में भाजपा के किले को सुरक्षित करने का राजनीतिक दांव भी चलेंगे। आज यानी 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी शाहजहांपुर में देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस की नींव रखेंगे। आप सभी को बता दें कि आज शिलान्यास समारोह में बरेली मंडल के चारों जिलों के लोग शिरकत करेंगे और इसके अलावा शाहजहांपुर से सटे लखनऊ मंडल के लखीमपुर खीरी, हरदोई और सीतापुर के लोगों गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास के गवाह बनेंगे।
आप सभी तो जानते ही होंगे रुहेलखंड का बरेली मंडल और अवध भाजपा का मजबूत गढ़ है। वहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बरेली मंडल के बरेली, पीलीभीत, बदायूं और शाहजहांपुर की 25 में 23 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया था। इसी के साथ शाहजहांपुर की जलालाबाद और बदायूं की सहसवान सीट पर समाजवादी पार्टी जीत हासिल कर सकी थी। इसी तरह की कहानी अवध के लखीमपुर, सीतापुर और हरदोई की है। यहाँ तीनों जिलों की 25 में से 22 सीटों पर बीजेपी काबिज है।
वहीं सीतापुर की महमूदाबाद में सपा और सिधौली सीट पर बसपा के उम्मीदवार जीतने में कामयाब हो गए थे। इसके अलावा हरदोई में सिर्फ हरदोई सीट सपा के खाते में गई थी, जबकि लखीमपुर की सभी आठ सीटों पर बीजेपी विजयी रही थी। यह सब देखते हुए बीजेपी के सामने अपने गढ़ को सुरक्षित रखने की चुनौती है। अब यह माना जा रहा है कि पीएम मोदी गंगा एक्सप्रेस वे के सहारे रुहेलखंड और अवध में वोट के बिखराव रोकने के लिए सियासी दांव चल सकते हैं।
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