किसानों के दिल्ली सीमा पर चल रहे आंदोलन के मध्य भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए कृषि कानूनों को उनके हित में कहा है। उन्होंने बोला कि कानून की सही और पूरी जानकारी कृषकों के लिए ताकत बन सकती है। पीएम मोदी ने किसानों से हर तरह के अफवाहों से दूर होकर सही सूचना से खुद को संबल बनाने की मांग कर रहे है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे महीनों से पेमेंट के लिए चक्कर लगा रहे महाराष्ट्र के एक कृषक जितेंद्र भोइजी का पैसा नए कानून की वजह से मिल पाया है।
नए कानून में जहां तीन दिन के भीतर किसान को पैसा मिलने की बात है, वहीं एकमाह के भीतर उनकी शिकायतें भी दूर कर दी जाएंगी। पीएम ने बताया कि महाराष्ट्र के धुले जिले के किसान जितेंद्र भोइजी ने मक्का की खेती की थी। सही दाम के लिए उन्होंने फसल व्यापारी को बेचना तय किया। तीन लाख 32 हजार रुपये का पेमेंट तय हुआ था। 25 हजार रुपये उन्हें एडवांस मिल गए थे। बाकी पैसा 15 दिन में चुकाने की बात हुई थी। लेकिन उन्हें बाकी पेमेंट नहीं मिला।
पीएम मोदी ने रविवार को अपने चर्चित रेडियो कार्यक्रम मन की बात के बीच किसानों से जुड़े मसले पर खासतौर से चर्चा की। उन्होंने कहा, "भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नए संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो मांग थी, जिन मांगों को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांगें पूरी हुई हैं।" प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं।
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