नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया है और हैक होने के बाद अब सरकार एक्शन में आ चुकी है. अब यह पता लगाने की कोशिश जारी है कि अकाउंट किसने हैक किया? जांच के लिए सरकार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि CERT-IN को इस काम में लगाया गया है और वो हैकिंग के सोर्स का पता लगाने का कोशिश कर रही है. वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार इस बात को जानने में जुट गई है कि इस हैकिंग के पीछे कौन था. कहा जा रहा है इसके लिए सरकार ने इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम यानी CERT-IN की टीम को काम में लगाया गया है.
आप सभी को बता दें कि हैकिंग के बारे में जानने के लिए टीम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. आपको यह भी बता दें कि CERT-IN केंद्र सरकार की एजेंसी है जो मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी के अधीन काम करती है. जी हाँ और इसका काम भारत सरकार की हैकिंग और फिशिंग जैसे साइबर खतरों से निपटना है. जी दरअसल यह एजेंसी भारतीय इंटरनेट डोमेन की सुरक्षा संबंधी काम भी देखती है. मिली जानकारी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आधिकारिक ट्विटर हैंडल @narendramodi देर रात हैक हो गया था. रात 2 बजकर 11 मिनट पर इससे एक ट्वीट किया गया जिसमें दावा किया गया, 'भारत ने आधिकारिक रूप से बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दे दी है और सरकार भी 500 बिटकॉइन खरीदकर लोगों को बांट रही है.'
वहीं दो मिनट बाद ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया और फिर 2 बजकर 14 मिनट पर इसी तरह का एक और ट्वीट किया गया. वहीं कुछ देर बाद उस ट्वीट को भी डिलीट कर दिया गया, लेकिन तब तक स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे. उसके बाद 3 बजकर 18 मिनट पर पीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि 'पीएम नरेंद्र मोदी के ट्विटर हैंडल से छेड़छाड़ हुई थी, जिसे अब ठीक कर लिया गया है और मामले की जानकारी ट्विटर को दे दी गई है.' इसी के साथ पीएमओ ने कहा कि इस दौरान जो भी ट्वीट हुए, उन्हें नजरअंदाज किया जाना चाहिए.
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