मुंबई : आम तौर पर नेता अपने वादे पूरे नहीं करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे को तीन माह पहले साक्षात्कार देने का जो वादा किया था उसे पूरा किया . दो घंटे के इस साक्षात्कार में पवार ने बड़ी ही बेबाकी से अपनी बात कही.
उल्लेखनीय है कि नौकरी और शिक्षा में आरक्षण पर शरद पवार का कहना था कि इसे आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए. उन्होंने आरक्षण को संवेदनशील मुद्दा माना.उन्होंने कहा दलित और आदिवासियों को आरक्षण मिलना चाहिए. कांग्रेस छोड़ने के सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा कि 1999 में उनके कांग्रेस छोड़ने की वजह सोनिया गांधी थी .सोनिया प्रधानमंत्री बनना चाहती थीं लेकिन तब इस पद की दौड़ में मनमोहन सिंह और वे खुद भी थे. सोनिया गाँधी के सरकार बनाने का दावा पेश करने की खबर सुनते ही कांग्रेस छोड़ दी.राहुल गाँधी के बारे में उन्होंने कहा कि उनमे बदलाव आया है.वे पूरी तरह से पार्टी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं. जल्द ही जनता उन्हें भी अपना लेगी.
अपने दो घंटे के इस साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में पवार ने कहा कि वे गुजरात नहीं देश चला रहे हैं. दोनों में काफी अंतर है. देश को चलाने के लिए एक सुदृढ़ टीम चाहिए लेकिन मोदी तो अकेले ही सब कुछ करना चाहते हैं.वे टीम में नहीं रहना चाहते. यह देश हित में नहीं होगा. आपको बता दें कि यह सारी बातचीत 'शोध मराठी मन का' विषय पर चर्चा के समय हुई.राज ठाकरे खुद पवार का हाथ पकड़ उन्हें मंच पर लाए.स्मरण रहे कि नवंबर 2017 में इस विशेष बातचीत की घोषणा बीवीजी ग्रुप के संस्थापक संचालक हनुमंत गायकवाड़ ने की थी.
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