पीएम मोदी आज शाम तकरीबन 6 बजकर 30 मिनट पर दिल्ली में स्थिति सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CBCI) चर्च में आयोजित क्रिसमस समारोह में हिस्सा लेने वाले है. सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल क्रिसमस से लेकर नए वर्ष तक के लिए दिल्ली के सबसे सुंदर और खूबसूरत चर्चों में से एक कहा जाता है. कैथेड्रल चर्च न केवल सबसे पुराना चर्च है बल्कि इसे दिल्ली का सबसे बड़ा चर्च भी कहा जाता है. ये चर्च दिल्ली में गोल डाक खाना के पास बसा हुआ है.
यूँ तो कैथेड्रल चर्च आम लोगों के लिए हमेशा ही खुला हुआ होता है, और इस चर्च में हमेशा ही कोई भी व्यक्ति किसी भी समय पर आकर प्रार्थना कर सकता है. यदि आप चर्च द्वारा आयोजित प्रार्थना में हिस्सा लेना चाहते है, तो आपको सुबह या शाम को अपनी यात्रा के वक़्त निर्धारित करना पड़ेगा. इतना ही नहीं सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च इंडिया के नई दिल्ली के मध्य में स्थित है और यहां ईसाई धर्म के लोग अपने यीशू से प्रार्थना करके आशीष की मांग करते है.
बेहद ही शानदार और आकर्षित लुक: खबरों का कहना है कि कैथेड्रल चर्च की इमारत बाहर से, सफेद रंग में रंगी हुई, जो कि बहुत ही सुंदर और लोगों को आकर्षित करने वाली है. सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल ईसाईयों के लिए बहुत ही खास चर्च है. क्रिश्चियन धर्म के लोग यहाँ हर दिन आते है और प्रेयर करते है, सुबह हो शाम हो दोनों ही समय की प्रेयर के वक़्त इस चर्च में बहुत ही ज्यादा भीड़ देखने के लिए मिलती है. वहीं क्रिसमस और ईस्टर के समय सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल सबसे अधिक चहल-पहल वाला केंद्र कहा जाता है.
किस तरह चर्च को मिली लोकप्रियता?: ऐसा कहा जाता है कि वर्ष 1986 में फादर पिता जॉन पॉल की भारत यात्रा के बीच उन्होंने दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च का दौरा किया. इसके पश्चात उनकी यात्रा ने इस चर्च को जगह जगह मशहूर कर दिया और लोगों के बीच ये चर्च चर्चा का विषय बन गया, इतना ही नहीं आज ये चर्च दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक कहा जाता है. खबरों का कहना है कि इस चर्च को देखने के लिए विदेश से लोग भारत आते है, इस चर्च की ईमारत पर दूर से ही फादर पोप जॉन पॉल की एक मूर्ति भी दिखाई देती है. जो भक्तों और लोगों का वेलकम करते हुए अपनी बाहें फैलाए खड़ी है. सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल चर्च के अंदर आते ही लोगों और भक्तों के लिए उचित बैठने का बंदोबस्त के साथ प्रार्थना करने वाले लोगों के लिए एक अलग से कमरा दिया गया है. इतना ही नहीं इस चर्च के अंदरअंदर वर्जिन मैरी की एक बड़ी सी मूर्ति भी है, इस मूर्ति को बहुत ही सुंदर पत्थर से बनाया गया है.
कब किया गया था इस चर्च का उद्घाटन?: अब लोग ये सोच रहें होंगे की जब ये चर्च इतना लोकप्रिय है तो इस चर्च का उद्घाटन कब और कैसे किया गया था, तो इस बारें में खबरों का कहना है कि आगरा के आर्कबिशप इवेंजेलिस्टा लैटिनो एनरिको वन्नी ने इस चर्च को बनाने की नीब वर्ष 1929 में ही रख दी थी, इसके बाद ही इस चर्च को बनाने का काम वर्ष 1930 में शुरू कर दिया गया था. इस चर्च को बनने में पूरे 5 वर्ष का वक़्त लग गया था. चर्च को बनाने के लिए धन स्वैच्छिक और सामाजिक योगदान से जमा किया गया था. चर्च की इमारत के पूरा होने के तुरंत बाद ही, चर्च का उद्घाटन समारोह 8 दिसंबर, 1935 कर दिया गया था. इतना ही नहीं खबरों का कहना है कि पापल इंटर्नुंसियो और लियो किर्केल्स ने ईसाई लोगों की मौजूदगी में उद्घाटन हुआ था.