पीएम नरेंद्र मोदी, आज चर्चित मूवी 'द साबरमती रिपोर्ट' देखने वाले है. प्रधानमंत्री मोदी के लिए संसद के बाल योगी ऑडिटोरियम में इस मूवी की स्पेशल स्क्रीनिंग की जाने वाली है. बीते दिनों पीएम मोदी ने मूवी 'द साबरमती रिपोर्ट' की तारीफ भी की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मूवी के लिए बोला था कि "यह घटना के पीछे की 'सच्चाई' को उजागर करती है. नकली कहानी केवल सीमित समय तक ही चल सकती है." इतना ही नहीं यह फिल्म गुजरात हिंसा पर बनाई गई है. इस फिल्म को बहुत ही सराहना मिली है और न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ने बल्कि अमित शाह ने भी तारीफ की है. इसके साथ ही कई बीजेपी शाषित राज्यों ने 'द साबरमती रिपोर्ट' को टैक्स फ्री तक कर डाला है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा सहित अन्य कलाकारों की तारीफ करते हुए ये भी बोला था कि "यह अच्छी बात है कि यह सच्चाई सामने आ रही है और वह भी एक ऐसे तरीके से, जिसे आम लोग देख सकते हैं." इतना ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट साझा करते हुए, उसमें फिल्म के बारे में कुछ जरूरी बातें बताई गई थीं. पोस्ट में दावा किया गया कि क्यों 'द साबरमती रिपोर्ट' फिल्म को देखा जाना चाहिए. इसे हाइलाइट करते हुए पोस्ट में चार पॉइंट्स लिखे गए हैं.
1. ये प्रयास सराहनीय है क्योंकि ये हमारे हाल के इतिहास की सबसे शर्मनाक घटनाओं में से एक की महत्वपूर्ण सच्चाई को सामने लेकर आता है.
2. मेकर्स ने मूवी के सेंसिटिव इशू को बहुत ही सेंसिटिविटी के साथ हैंडल किया है और उतनी ही ईमानदारी से इस पर काम भी किया है.
3. एक बड़े मुद्दे पर, हम सभी के लिए ये गहरे तरीके से सोचने लायक है कि कैसे साबरमती एक्सप्रेस के यात्रियों को जलाए जाने की जघन्य घटना को एक समूह ने राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया और एक बारूदी सुरंग में भी बदल डाला है, जिन्होंने इसे एक नेता की छवि को धूमिल करने के माध्यम के तौर पर देखा. उनके इको सिस्टम ने एक के बाद एक झूठ को प्लांट करना शुरू किया ताकि सिर्फ अपने झूठ फैलाने के एजेंडा ही सही मायने पर दिखाई दे.
4. आखिरकार 59 निर्दोष पीड़ितों को अपनी बात कहने का अवसर भी मिला. जी हां, जैसा कि वे कहते हैं, सत्य की ही जीत होती है. ये मूवी वास्तव में उन 59 निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को श्रद्धांजलि है जिन्हें हमने उस फरवरी की सुबह खो दिया था.
कब रिलीज हुई फिल्म?: खबरों का कहना है कि धीरज सरना द्वारा निर्देशित फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' 2002 की त्रासदी पर बनाई गई, जिसकी वजह से गुजरात के कई भागों में दंगे भड़क गए थे. विक्रांत मैसी अभिनीत यह मूवी 15 नवंबर को रिलीज कर दी गई थी.
क्या है गोधरा ट्रेन त्रासदी?: कुछ रिपोर्ट्स का कहना है कि 27 फरवरी, 2002 की सुबह, साबरमती एक्सप्रेस अपने निर्धारित वक़्त पर गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर आई. बिहार के मुजफ्फरपुर से गुजरात के अहमदाबाद तक चलने वाली इस ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवारी कर रहे थे, जिनमें बड़ी तादाद में कारसेवक भी शामिल थे, जो अयोध्या में एक धार्मिक सभा से लौट रहे हिंदू स्वयंसेवक थे. जब ट्रेन गोधरा से रवाना की गई थी, तो ड्राइवर ने इस बारें में जानकारी दी की इमरजेंसी जंजीरों को कई बार खींचा गया, जिससे ट्रेन स्टेशन के बाहरी सिग्नल के पास रुक गई. जिसके उपरांत ही हमला हुआ. कथित तौर पर लगभग 2,000 लोगों की भीड़ ने ट्रेन पर पत्थर फेंके और चार बोगियों में आग लगा दी.
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