प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को संबोधित किया। इस दौरान अपने संबोधन में PM मोदी ने लोकतंत्र की ताकत का जिक्र करते हुए अफगानिस्तान, अफगानिस्तान की महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के बारे में भी बात की। केवल यही नहीं बल्कि PM ने आतंक पर भी जमकर प्रहार किया और संयुक्त राष्ट्र को भी अपनी विश्वसनीयता बढ़ाने के बारे में कहा। इस दौरान PM मोदी ने भारत सरकार की ओर से लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने, सर्व समावेशी विकास, 36 करोड़ से अधिक लोगों को बीमा सुरक्षा कवच, 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा की भी चर्चा की।
इसी के साथ उन्होंने कहा, 'भारत ने तीन करोड़ घर बनवाकर होम लेस परिवारों को होम ऑनर बनाया है। प्रदूषित पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान पर भी बात की।' आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज विश्व का हर छठा नागरिक भारतीय है। जब भारतीयों की प्रगति होती है तो विश्व के विकास को भी गति मिलती है। भारत में हो रहे साइंस और टेक्नोलॉजी आधारित Innovations विश्व की बहुत मदद कर सकते हैं। हमारे Tech-Solutions का स्केल और उनकी कम लागत, दोनों अतुलनीय है।'
इसी के साथ उन्होंने COWIN की भी चर्चा की और दुनिया के वैक्सीन निर्माताओं को भारत आकर वैक्सीन का निर्माण करने का निमंत्रण दिया और कहा कि, 'भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसित कर ली है जिसे 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को लगाया जा सकता है। एक और एमआरएनए वैक्सीन अपने डेवलपमेंट के आखिरी चरण में है। भारत के वैज्ञानिक कोरोना की एक नेजल वैक्सीन के निर्माण में भी जुटे हैं।'
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने ये भी जानकारी दी कि 'हमने जरूरतमंद देशों को वैक्सीन की सप्लाई फिर से शुरू कर दी है।' आगे उन्होंने कहा, 'आज विश्व के सामने Regressive Thinking और Extremism का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में पूरे विश्व को Science Based, Rational (रैशनल) और Progressive Thinking को विकास का आधार बनाना ही होगा। साइंस बेस्ड अप्रोच को मजबूत करने के लिए भारत Experienced Based Learning को बढ़ावा दे रहा है। Regressive Thinking के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है।'
इसके अलावा उन्होंने अफगानिस्तान के बारे में कहा, 'ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने के लिए न हो। हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि इस समय अफगानिस्तान की जनता को, वहां की महिलाओं और बच्चों को, वहां की माइनॉरिटीज को मदद की जरूरत है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा।'
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