नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में पंडित दीन दयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों को संबोधित किया। संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'आज हम सभी दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर 'आज उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहाँ इकठ्ठा हुए हैं। पहले भी अनेकों मौकों पर हमें दीनदयाल जी से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होने का, विचार रखने का और अपने वरिष्ठ जनों के विचार सुनने का मौका मिलता रहा है।'
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, 'ये हमारी विचार धारा है कि हमें सियासत का पाठ, राष्ट्रनीति की भाषा में पढ़ाया जाता है। हमारी सियासत में भी राष्ट्रनीति सर्वोपरि है। अगर हमें राजनीति और राष्ट्रनीति में एक को स्वीकार करना होगा, तो हमें संस्कार मिले हैं हम राष्ट्रनीति को स्वीकार करेंगे, राजनीति को दूसरे स्थान पर रखेंगे।' पीएम मोदी ने राजनीतिक अस्पृश्यता का विचार अस्वीकार करते हुए बताया है कि पार्टी में वंशवाद को नहीं कार्यकर्ता को अहमियत दी जाती है।
पीएम मोदी ने कहा कि, ' प्रणव मुखर्जी, तरुण गोगोई, एस.सी.जमीर इनमें से कोई भी राजनेता कभी भी हमारी पार्टी या फिर गठबंधन का हिस्सा नहीं रहे। किन्तु देश के प्रति उनके योगदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमारे सियासी दल हो सकते हैं, हमारे विचार अलग हो सकते हैं, हम चुनाव में पूरी ताकत से एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम अपने सियासी विरोधी का सम्मान ना करें।'
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