नई दिल्ली: पीएम मोदी 68वीं बार रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को नमस्कार करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं । कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है ।
पीएम मोदी ने कहा कि बहुत एक रूप में देखा जाए तो नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है । लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं। देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है ।'
पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, हम, बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य हमारे ध्यान में आयेगी - हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है। बिहार के पश्चिमी चंपारण में, सदियों से थारु आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के lockdown या उनके ही शब्दों में कहें तो ’60 घंटे के बरना’ का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिये बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और सदियों से बनाया है।
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