नई दिल्ली: भाजपा संसदीय दल की मीटिंग में पीएम नरेंद्र मोदी के विभिन्न तेवर देखने को मिले. कभी सांसदों को हंसाया, तो कभी उनको कड़े लहजे में नसीहत भी दी. संसदीय दल की मीटिंग में पीएम मोदी का सांसदों ने बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया. किन्तु पिछले 2 बार से बैठक में उपस्थित नहीं रहे पीएम मोदी ने बेहद नपे तुले शब्दो में पार्टी सांसदों को निर्देश और चेतावनी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
सूत्रों के मुताबिक, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि, "70 साल की वेदना को, आप लोगों ने 70 घंटे में भुला दिया. इस पर बहस को ही बंद कर दिया. इसे दैवीय शक्ति से किया गया काम मानकर, चुप हो गए. लेकिन ऐसा नागरिकता बिल के साथ नहीं होना चाहिए." यानी संदेश स्पष्ट है कि कड़ी मशक्कत के बाद करोड़ों शरणार्थियों को दी जा रही नागरिकता के मसले को देशभर में ले जाइए.
पीएम मोदी ने सांसदों से आग्रह किया है कि, "लोगों को बताइये कि इससे क्या फायदा हुआ? क्यों लाना पड़ा इसे? और विपक्षी पार्टियां इसका क्यों विरोध कर रहीं हैं? इस बिल पर आप सबको नागरिकता पा रहे लोगों के साथ बड़े-बड़े सम्मेलन करना चाहिए. कैसे उनको आत्मविश्वास के साथ जीने का अवसर मिल रहा है."
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