नई दिल्ली: जांबिया (Zambia) के प्रथम राष्ट्रपति और आधुनिक जांबिया के संस्थापक डॉ. केनेथ डेविड कौंडा (Kenneth David Kaunda) का 97 वर्ष की आयु में गुरुवार को देहांत हो गया है. उनके देहांत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज शोक प्रकट करते हुए कहा कि समर्पित गांधीवादी और कद्दावर अफ्रीकी नेता कौंडा का योगदान कभी व्यर्थ नहीं जायेगा.
Saddened to hear about the demise of Dr. Kenneth Kaunda, 1st President & founding father of modern Zambia. I was privileged to meet him in 2018. A towering Pan-African leader & a committed Gandhian, his contribution will never go dim. Deepest condolences to the people of Zambia. pic.twitter.com/OQhW6IYCpX
— President of India (@rashtrapatibhvn) June 18, 2021
राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट करते हुए लिखा कि, “जांबिया के प्रथम राष्ट्रपति और आधुनिक जांबिया के संस्थापक डॉ. केनेथ डेविड कौंडा के देहांत के बारे में सूचना मिलने से दुखी हूं. जांबिया की जनता के प्रति मेरी गहरी संवेदना.” राष्ट्रपति ने बताया कि उन्हें वर्ष 2018 में डा. कौंडा से मिलने का मौका मिला था. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक ट्वीट करते हुए इस घटना को लेकर संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने लिखा कि, “डॉ. केनेथ डेविड कौंडा के देहांत की खबर सुनकर काफी दुखी हूं. वह एक सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय नेता और बेहतरीन राजनेता थे. उनके परिवार और जांबिया की जनता के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं.”
बता दें कि डॉ कौंडा को सोमवार को अस्पताल में एडमिट कराया गया था, जहां उनका न्यूमोनिया (Pneumonia) का उपचार चल रहा था. कौंडा उस आंदोलन के नेता थे, जिसकी वजह से दक्षिण अफ्रीकी देश जांबिया में अंग्रेजों का औपनिवेशिक शासन ख़त्म हुआ. वह साल 1964 में जांबिया के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने थे.
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