नई दिल्ली : वर्ष 1998 में 11 मई के ही दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने पोखरण में 5 परमाणु परीक्षण किए थे। इन परीक्षणों की घोषणा जब भारत ने की तो अमेरिका तक का प्रशासन हिल गया था। आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन की वर्षगांठ पर वैज्ञानिकों के इस प्रयास को याद किया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साहस की तारीफ की।
गौरतलब है कि पोखरण में होने वाले परमाणु परीक्षण के बाद से ही वर्ष 1999 से 11 मई के दिन भारत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के तौर पर मनाता आ रहा है। गौरतलब है कि एक वेबसाईट नरेंद्र मोदी डाॅट काॅम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले दिया गया एक भाषण है इसमें उनके द्वारा कहा गया कि विश्व पोखरण परीक्षण को लेकर अच्छी तरह से जानता है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जो परीक्षण हुआ है वह समूचे विश्व ने देखा। वैज्ञानिकों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि परीक्षणों की पहली श्रृंखला के बाद विश्व समुदाय ने भारत पर प्रतिबंध लगाये 13 मई 1998 को अटल जी ने फिर परीक्षण किया जिससे यह पता चला कि वह अलग मिजाज के व्यक्ति हैं अगर हमारे पास एक कमजोर प्रधानमंत्री होता तो वह उसी दिन डर गया होता या होती लेकिन अटल जी अलग थे वह डरे नहीं। परमाणु परीक्षणों के दौरान पोखरण के लोगों की भूमिका की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि परीक्षणों की योजना बनाने और उन्हें करने के दौरान चुप्पी साधे रखने के लिए पोखरण के लोगों की भी तारीफ होनी चाहिएण् उन्होंने हर किसी चीज से ऊपर राष्ट्र के हित को तरजीह दी।
अखिलेश ने शहीदों की शहादत पर सवाल खड़ा किया