नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह को श्रद्धांजलि दी। 98 वर्ष की आयु में मार्शल अर्जन सिंह का निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के सैन्य चिकित्सालय में अंतिम सांस ली। उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। उनके खराब स्वास्थ्य की जानकारी मिलते ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन उनके स्वास्थ्य का जायजा लेने पहुॅंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्जन सिंह के सम्मान में कहा कि, वे एक कुशल सेनापति थे। उनके दिल में अंतिम समय तक जज्बा था। वे सैन्य अनुशासन से भरे हुए थे। उल्लेखनीय है कि, अर्जन सिंह ने 44 वर्ष की आयु में वायुसेना प्रमुख का पद संभाला था। वे वर्ष 1965 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय वायु सेना के नायक थे। उन्हें 5 स्टार रैंक दी गई थी। अर्जन सिंह ने वायु सेना में बिताए, अपने कार्यकाल के दौरान बेहतर कार्य किया था। 15 अगस्त 1947 को अर्जन सिंह को दिल्ली के लाल किले के ऊपर से 100 एयरक्राफ्ट्स के फ्लाई पास्ट को लीड करने का अवसर दिया गया था।
वे विंग कमांडर के पद पर पदोन्नत हुए। अर्जन सिंह यूके के स्टाफ कॉलेज में भी गए और आजादी के तुरंत बाद उन्हें अंबाला में एयर ऑफिसर कमांडिंग बना दिया गया। 1949 में एयर कोमोडोर प्रमोट किए जाने के बाद सिंह ने एयर ऑफिसर कमांडिंग ऑफ ऑपरेशनल कमांड का जिम्मा संभाला। इसे ही बाद में वेस्टर्न एयर कमांड कहा गया। सोमवार प्रातः करीब 10 बजे अर्जन सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। उनके सम्मान में दिल्ली में राष्ट्रध्वज को आधा झुकाकर रखा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात के कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित करते हुए मार्शल अर्जन देव के सम्मान में कहा कि, मार्शल अर्जन देव का शरीर साथ नहीं दे रहा था लेकिन, जज्बा देखते ही बनता था। कोई भी प्रोग्राम हो हमेशा पूरी यूनिफार्म में आते थे। मैं वीर योद्धा को श्रद्धांजलि देता हूॅं और आशा करता हूॅं कि, देश की युवा पीढ़ी मार्शल के जज्बे और अनुशासन से प्रेरणा लेगी। प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद ने मार्शल अर्जन देव को लेकर कहा कि, भारतीय वायु सेना के बहादुर वॉरियर के निधन पर मुझे गहरा दुख है।
उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने 1965 की जंग में देश को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, अर्जन सिंह का जीवन एक मिसाल था। उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ीं। यह देश के लिए एक बड़ी क्षति है। जिस तरह का जीवन उनका था उससे उन्होंने, आदर्श पेश किए। मार्शल के खराब स्वास्थ्य की जानकारी मिलते ही, भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख बिरेंदर सिंह धनोआ और एडमिरल सुनील लांबा आदि चिकित्सालय पहुॅंचे।
अर्जन सिंह का जन्म 15 अप्रैल 1919 को अविभाजित भारत के लायलपुर में हुआ था। हालांकि यह स्थान अब पाकिस्तान में मौजूद है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण अवसरों पर भारतीय वायु सेना को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। मार्शल अर्जन सिंह को पद्म विभूषण अलंकरण से सम्मानित किया जा चुका है।
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