प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के भटिंडा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की आधारशिला रखी लेकिन यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत कुछ कह दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में आनंदपुर साहिब गए और वहां भाजपाई रंग के साथ सिख संस्कृति के रंग में रंग गए। दरअसल उन्होंने एक तीर से कई निशान साधे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री होने का दायित्व तो निभाया ही साथ ही पंजाब की धरती को अपने मन की बात से नमस्कार कर चुनावी चमत्कार कर दिया।
भटिंडा में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को को खरी - खरी सुनाई और सिंधु जल समौते को लेकर चर्चा की। उन्होंने जो सवाल किया कि भारत अपने अधिकार के पानी का उपयोग क्यों न करे। यह बेहद प्रासंगिक था और भविष्य में इसका बड़ा महत्व आंका जा सकता है। जब विश्व में पेय जल आपूर्ति की एक बड़ी परेशानी है वहीं पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण होते जा रहे हैं तो ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री का चेताना लाजिमी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर में सिख पगड़ी पहनी मगर उसका रंग केसरिया था। इसके कई अर्थ लगाए जा सकते हैं मगर राजनीतिक तौर पर यह संदेश भी जाता है कि यदि सिख अकाली दल और भाजपा का समर्थन करेंगे तो राज्य में विकास की बयार बहेगी। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मुंह से राजनीतिक बात नहीं कही लेकिन उनका मेकअप काफी कुछ कह गया।
सिखों के बीच गुरू गोविंद सिंह जी की बात करना और सिख पगड़ी पहनना सभी को दिलों को छू गया। संभावना है कि पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और अकाली दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा संबल मिलेगा।
भटिंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के बीच आसान तरह से मोबाईल एप से ईपैमेंट की सुविधा को सामने रखा। नोटबंदी के माहौल में परेशान किसान को बड़ी आसानी से पीएम मोदी ने समझाया और यह आश्वासन दिया कि सरकार उनकी परेशानी को समझ रही है।
गौरतलब है कि पंजाब किसानों और नहरों की धरती रही है। ऐसे में मोबाईल एप से किसानों को भुगतान की सुविधा और आसानी की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही यह एक महत्वपूर्ण बात थी और भाजपा व केंद्र सरकार के दुष्प्रचार के खिलाफ डिजीटल पेमेंट की यह सुविधा जिसे पीएम मोदी ने मोबाईल बैंक कहा है एक बड़ी शक्ति बन सकती है।
नोटबंदी के फैंसले पर नरेंद्र मोदी ने जनता से मांगी राय
सिख पगड़ी में नज़र आए मोदी, आनंदपुर साहिब में किया गुरू गोविंद सिंह जी को याद