उम्मीद से भी तेजी से कोरोना वायरस (COVID-19) का कहर भारत में बढ़ता जा रहा है. संक्रमितों की संख्या 3000 के पार पहुंच चुकी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दो पूर्व राष्ट्रपतियों प्रणब मुखर्जी और प्रतिभा पाटिल को कोरोना वायरस पर चर्चा के लिए बुलाया.
लॉकडाउन में आखिर क्या कर रहे धार्मिक गुरू ?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पीएम मोदी ने ठीक ऐसी ही चर्चा के लिए दो पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच.डी. देवगौड़ा को भी बुलाया है. उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं सोनिया गांधी, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, के. चंद्रशेखर राव, एम. के. स्टालिन और प्रकाश सिंह बादल को भी बुलाया है. पीएम नरेंद्र मोदी देश पर आए इस संकट की घड़ी में सभी दलों को साथ लेकर चलना चाह रहे हैं.
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वर्तमान स्थिति कोरोना वायरस से निपटने के लिए मोदी सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं. इनमें से एक 21 दिनों का लॉकडाउन भी है. लेकिन लॉकडाउन और प्रधानमंत्री के संबोधनों की कुछ विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं. इसलिए पीएम मोदी आठ अप्रैल को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये उन सभी दलों के नेताओं से बात करेंगे जिनकी संसद में कम से कम संख्या पांच है. जाहिर है कि विपक्षी नेताओं से चर्चा के जरिये राजनीतिक एकजुटता दर्शाने की कोशिश होगी. वैसे बता दें कि यूं तो सभी राज्य केंद्र के साथ ताल से ताल मिलाकर कोरोना से जंग कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस समेत कुछ दल लॉकडाउन की आलोचना भी कर रहे हैं. शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने देश की एकजुटता के लिए गरीबों के नाम हर किसी से एक दिया जलाने का आह्वान किया, तो विपक्षी दलों की ओर से घोर विरोध हुआ. कुछ ने इसका उपहास भी उड़ाया.
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