अमेरिका : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी संगतन इस्लामिक स्टेट (IS) को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि आतंकवाद को धर्म से अलग करने की जरूरत है. कल (शुक्रवार) संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इतर जॉर्डन के सुल्तान शाह अब्दुल्ला से मोदी ने एक मुलाकात की. मुलाकात के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि इस दौरान सुल्तान शाह अब्दुल्ला और PM मोदी ने युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने और कट्टरपंथी संदेशों पर प्रतिक्रिया करने के तरीकों पर विचार किया.
प्रवक्ता ने बताया कि ‘दोनों नेताओं ने माना कि IS अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. इस दौरान PM मोदी ने कहा कि आतंकवाद को मजहब से अलग करना होगा. मोदी और शाह अब्दुल्ला चर्चा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बारे में विचार विमर्श किया.'
चर्चा में PM ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि दुनिया के छटे हिस्से की आवादी का प्रतिनिधत्व करने वाला भारत सुरक्षा परिषद से बाहर है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संयुक्त राष्ट्र की 70वीं वषर्गांठ पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसके लिए कदम उठाए और इस महत्वपूर्ण इकाई में सुधार करे. स्वरूप ने बताया कि जॉर्डन के शाह ने कहा कि वह भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य का पूरी तरह समर्थन करते हैं.
बैठक के दौरान मोदी ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में दमदार नेतृत्व के लिए उनकी प्रशंसा की. तथा इराक और सीरिया फंसे भारतीय को निकालने के लिए जॉर्डन द्वारा कि गई मदद के लिए उनका धन्यवाद किया.