नई दिल्ली: देश में AFSPA (Armed Forces Special Powers Acts) को लेकर जारी बहस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। पीएम मोदी ने कहा है कि हम प्रत्येक चीज की बारीकी से समीक्षा करेंगे और ये हमने पहले भी कहा है, तथा हमने अरुणाचल प्रदेश में ऐसा ही किया है। हम करते रहते हैं। स्थितियां अगर अनुकूल हों तो हम निर्णय करते हैं, किन्तु कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं।
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दरअसल एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान जब पीएम मोदी से पूछा गया कि कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में AFSPA को लेकर रिव्यू शब्द का उपयोग किया है। इसका जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि नहीं, ऐसा नहीं है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कानून की कमियों को बदलने की बात कही है। पीएम मोदी ने कहा है कि हम ऐसा भारत चाहते हैं जिसमें AFSPA हो ही ना, किन्तु ऐसी स्थिति तो आए। अलगाववादी नेता जो भाषा सेना के लिए इस्तेमाल करते हैं, वैसी ही भाषा की बू कांग्रेस के घोषणापत्र में से आती है।
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आपको बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए जारी किए गए घोषणापत्र में कांग्रेस ने सरकार बनाने के बाद AFSPA की समीक्षा करने का वादा किया है। इसे लेकर भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा है कि जिस दिन हमने गठबंधन किया, तब मुफ़्ती मोहम्मद सैयद थे, वो हालातों को समझ सकते थे। जम्मू कश्मीर में हम ऐसी स्थिति में नहीं थे कि सरकार बनाएं, किन्तु कश्मीर के हित के लिए हमने पीडीपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। किन्तु जब हमें पता चला कि महबूबा का काम करने का तरीका अलग है तो हमने गठबंधन तोड़ दिया।
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