नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर बोलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस मौके पर बाघों की सुरक्षा के संबंध में हम अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. बाघों की तादाद के बारे में जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उस पर हर भारतीय को गर्व होगा. नौ वर्ष पूर्व यानी 2010 में रूस के सेंट पीट्सबर्ग में अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के सामने 2022 तक बाघों की तादाद दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था. हमने चार वर्ष पहले ही बाघों के बचाने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत बाघों के संरक्षण के लिए विश्व में सबसे बेहतरीन जगह है. बाघों की आबादी के संबंध में उन्होंने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 2014 में बाघों की तादाद 2,226 थी. 2018 में यह बढ़कर 2,967 हो गई है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व देश भर में कुल 1400 बाघ ही बचे थे, किन्तु बाघों की तादाद अब बढ़ कर 2,967 हो गई है. ये वाकई बेहद खुशी की बात है. उन्होंने कहा कि बाघों की संख्या के संबंध में 3 लाख 80 हजार वर्ग किमी में सर्वेक्षण कर आंकड़े इकट्ठा के गए. 26 हजार कैमरा ट्रैप्स लगे थे. 3.5 लाख तस्वीरें आईं और उसमें 76 हजार टाइगर की तस्वीरें थीं.
जावड़ेकर ने कहा कि इस कार्य के लिए पीएम मोदी ने हमारा मार्गदर्शन किया. नतीजतन पिछले 5 साल में वन क्षेत्र बढ़ा है. 15 हजार वर्ग किमी से अधिक फारेस्ट कवर बढ़ा है. सारे जीवन प्राणी हमारे जीवन का अंग हैं. आज पूरी दुनिया सलाम करेगी कि बाघों के विकास का इतना बड़ा कार्य भारत ने किया है. बाघों की गणना का ब्यौरा हर चार वर्षों में जारी की जाती है. पिछली गणना वर्ष 2014 में हुई थी.
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