नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना के हालात पर चर्चा करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि गांवों पर सबसे अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। संक्रमण से हर हाल में गांवों को सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की उपस्थिति से ग्रामीणों का मन बदलता है। लोगों में साहस आता है। कई सामाजिक संगठन भी इसमें बढ़ चढ़कर शामिल होते हैं। इस दौरान जिलाअधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
पीएम मोदी ने अपने संदेश में कहा कि देश में सक्रीय मामले कम जरूर हुए, किन्तु चिंता कम नहीं हुई है। यह संक्रमण लगातार अपने स्वरूप बदल रहे हैं, महामारी से निपटने में भी लगातार परिवर्तन जरूरी है। जिलों की चुनौतियां काफी है, इसलिए समाधान भी उसी तरह के होने चाहिए। जिलाधिकारियों से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस संकट में जीवन बचाने के साथ साथ जीवन को सुगम बनाए रखना भी आवश्यक है। गरीबों को मदद मिलती रहनी चाहिए। साथ ही दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी पर लगाम लगे। पीएम मोदी ने कहा कि 100 वर्षों के इतिहास में ऐसी महामारी नहीं आई थी, लेकिन मुझे यकीन है आप सभी जिलाधिकारियों पर कि ठोस रणनीति और अच्छी प्लानिग के माध्यम से आप संक्रमण पर विजय पाएंगे।
बता दें कि इस बैठक में 10 राज्यों के CM और उन राज्यों के 54 जिलाधिकारी भी मौजूद हैं। पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पहली बार हिस्सा लिया है। कोरोना की दूसरी लहर में पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई किसी भी बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई थीं।
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