लेह: लद्दाख बॉर्डर पर चीन लगातार अपने नापाक इरादों को अंजाम देने में लगा हुआ है. इस बीच भारत को रणनीतिक चरण पर बड़ी सफलता मिली है. रोहतांग को लेह सरहद से जोड़ने वाली सामरिक रूप से बेहद अहम ‘अटल टनल’ बनकर तैयार हो चुकी है. इस टनल की सहायता से लद्दाख अब पूरे साल बाकी इलाकों से जुड़ा रहेगा. पहले बर्फबारी के चलते ये संभव नहीं होता था.
चीन के साथ जारी टकराव के बीच ये टनल इसलिए भी अहम है क्योंकि अब सेना के हथियार और सैनिकों को आसानी से सीमा पर पहुंचाया जा सकेगा. पीएम मोदी 25 सितंबर को अटल टनल का शुभारंभ करेंगे. 10 हजार फीट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी 9 किलोमीटर की टनल बनकर तैयार हो चुकी है. इसके निर्माण में दस वर्ष का लंबा समय लग गया. लेकिन अब इसके कारण मनाली से लेह के बीच की दूरी लगभग 46 किलोमीटर कम हो गई है. यदि सुरंग की बात करें तो यह लगभग 9 किलोमीटर लंबी है, 10 मीटर चौड़ी है.
BRO के अटल टनल के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर केपी पुरुषोथमन ने निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए बताया है कि कैसे मुश्किल स्थिति में इस टनल का निर्माण किया गया. इस टनल के डिजाइन में इस बात का ख़ास ख्याल रखा गया है कि बर्फ और हिमस्खलन के दौरान इस पर कोई असर न पड़े. इस टनल के भीतर निश्चित दूरी पर CCTV कैमरे लगे होंगे जो स्पीड और हादसों पर नियंत्रण रखने में सहायता करेंगे.
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