नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में विश्व की सबसे वजनी भगवद्गीता का अनावरण कर दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा है कि इंसानियत के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए ईश्वर की शक्ति हमेशा हमारे साथ रहती है। 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी इस किताब का भार लगभग 800 किलोग्राम है। इसे छापने में ढाई साल का समय लगा और डेढ़ करोड़ रुपए की लागत आई है।
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पीएम मोदी मेट्रो से इस्कॉन मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने मौजूद लोगों से मुलाकात भी की। लोगों और बच्चों ने पीएम मोदी के साथ सेल्फी भी ली। यह भगवद्गीता इटली के मिलान शहर में तैयार की गई। यहां से इसे समुद्र मार्ग के जरिए गुजरात के मुंद्रा पोर्ट लाया गया। इसे भारत लाने में एक महीने का वक़्त लगा। 20 जनवरी को इस धर्मग्रन्थ को दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में लाया गया।
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इस्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्ति वेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद द्वारा गीता प्रचार के 50 वर्ष पूर्ण करने के उपलक्ष्य में इसे तैयार किया गया है। इसे छापने के लिए इस्कॉन के सभी केंद्रों से धनराशि एकत्रित की गई। 11 नवंबर को इसे इटली के मिलान शहर में ही प्रदर्शित भी किया गया था। इस गीता में कुल 670 पन्ने हैं। इसे सिंथेटिक के मजबूत कागज पर लिखकर तैयार किया गया है। इसमें सोना, चांदी और प्लेटिनम का भी उपयोग हुआ है। सबसे विशेष बात तो ये है कि इसके पन्ने को पलटने के लिए चार व्यक्तियों की जरूरत होती है।
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