नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को जैन भिक्षु आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान उन्होंने 'शांति की प्रतिमा' का अनावरण किया। जी दरअसल 151 इंच ऊंची अष्टधातु प्रतिमा को राजस्थान के पाली में स्थित विजय वल्लभ साधना केंद्र में स्थापित किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक 151 इंच की अष्ट धातु से बनी मूर्ति जमीन से 27 फिट ऊंची है और इसका वजन 1300 किलो है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'शांति की प्रतिमा' का अनावरण करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। एक तरह से आचार्य विजयवल्लभ जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया था। उन्होंने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भारतीय संस्कारों वाले बहुत से शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी।' इसी के साथ आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''भारत का इतिहास आप देखें तो आप महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है। कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है। आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे। भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है। ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है। इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है।''
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ के लोकार्पण का अवसर दिया था और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी 'शांति की प्रतिमा' के अनावरण का सौभाग्य मुझे मिल रहा है।'
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