नईदिल्ली। केेंद्र सरकार जल्द ही 87 अरब डाॅलर की महत्वाकांक्षी परियोजना को प्रारंभ करेगी। यह परियोजना नदी जोड़ो परियोजना है। मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना को बाढ़ और सूखे के हालातों का सामना करने के लिए उपयुक्त माना है। यदि इस योजना के तहत कार्य किया जाता है तो फिर बिहार में नेपाल की ओर से आने वाली बाढ़़ से हुए नुकसान को कम किया जा सकेगा। साथ ही बांग्लादेश की ओर से आने वाली बाढ़ से भी लोगों को निजात मिलेगी। इस योजना के तहत करीब 60 नदियों को जोड़ा जाएगा।
इन नदियों में गंगा नदी जैसी महत्वपूर्ण और बड़ी नदी भी शामिल है। हालांकि इस परियोजना को लेकर कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं विरोध करने वालों में पर्यावरणविद तक शामिल हैं। मगर माना जा रहा है कि नदी जोड़ो योजना का बड़ा लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में धार्मिक पर्यटन नगर उज्जैन में बहने वाली शिप्रा नदी को नर्मदा नदी से लिंक किया गया है। इस नदी जोड़ो योजना का लाभ यह हुआ कि सितंबर माह की शुरूआत में भी मध्यप्रदेश के उज्जैन समेत कई शहरों में पर्याप्त बारिश न होने के बाद भी कुछ मात्रा में लोगों के लिए शेष दिनों के पेयजल का प्रबंधन किया जा सकता है।
दूसरी ओर यह बात सामने आई है कि उत्तरमध्य भारत में केन, कर्णावत नदी पर बांध का निर्माण होता है तो फिर करीब 22 किलोमीटर लंबी नहर के माध्यम से बेतवा नदी से इसे जोड़ा जाएगा। इस मामले में केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान का कहना था कि अंतिम दौर की स्वीकृति इसी वर्ष मिल गई है। उन्होंने गोदावरी, गंगा नदियों को अन्य नदियों से जोड़ने को लेकर बनाई जाने वाली योजना की जानकारी दी। केन व बेतवा नदी जोड़ो योजना सरकार की सूची में प्रमुख क्रम पर शामिल है। उन्होंने बताया कि कई नदियों को नहरों के माध्मय से जोड़ा जाएगा।
केेंद्रीय मंत्रिमंडल का होगा विस्तार, जेडीयू के नेताओं को मिल सकती है जगह
नरेंद्र मोदी कैबिनेट में नितिन गडकरी बन सकते है नए रेल मंत्री, कैबिनेट विस्तार जल्द