नई दिल्लीः देश में चल रही मंदी की हवा के बीच देश और दुनिया के तमाम अर्थ तंत्र से जुड़े दिग्गज देश के विकास दर के प्रति अपना अनुमान बता रहे हैं। इन सबके बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने देश की आर्थिक सेहत में सुधार की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून अवधि में जीडीपी की ग्रोथ रेट भले ही घटकर पांच फीसद पर आ गई हो, लेकिन आने वाली तिमाहियों में इसके सुधरने की पूरी उम्मीद है।
देबरॉय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही की अपेक्षा दूसरी छमाही में ग्रोथ रेट अधिक रहेगा। इससे जीडीपी वृद्धि दर इस पूरे वर्ष के लिए 6.5 फीसद तथा अगले वित्त वर्ष में सात फीसद रहने का अनुमान है। पीएमईएसी के चेयरमैन ने कहा कि, जो लोग निराशा का माहौल बना रहे हैं वे बहुत नुकसान कर रहे हैं। रचनात्मक आलोचना और सुझावों का स्वागत है। ऐसे में चिंता और निराशा के संदेशों से बचना चाहिए।’
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनका कहना था, ‘अर्थव्यवस्था के बारे में बेसिर-पैर की नकारात्मक बातें फैलाई जा रही हैं। यह सच है कि वैश्विक अनिश्चितता के चलते भारत के ग्रोथ रेट को प्रमुखता से बढ़ाने का जिम्मा अकेले नेट एक्सपोर्ट नहीं उठा सकता। इसके बावजूद वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास दर 6.5 से सात फीसद तक रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी के साथ लगी हुई है।
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