नई दिल्ली : सरकार PMLA के तहत जब्त की गई संपत्तियों का इस्तेमाल अपनी आय बढ़ाने में करना चाहती है, इसलिए उसने ऐंटी मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के ढांचे में परिवर्तन करने पर चर्चा शुरू कर दी है. दरअसल सरकार कोर्ट का फैसला आने तक बेकार पड़ी संपत्तियों से सरकार लाभ लेना चाहती है.
बता दें कि पीएनबी घोटाले में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की संपत्तियों को जब्त करने के बाद एजेंसियों ने इस बात पर जोर देना शुरू किया है.एक वरिष्ठ वित्त अधिकारी के अनुसार PMLA के तहत नियमों में संशोधन किया गया है. इससे जुड़े लोगों और एजेंसियों से चर्चा की जा रही है. सभी से सलाह लेने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि राजस्व विभाग इस मामले में विशेष काम कर रहा है. ईडी के अधिकारियों के पास PMLA के तहत संपत्तियों को अटैच करने का अधिकार होता है. लेकिन जब इन नियमों में परिवर्तन हो जाएगा तो उसके बाद सरकार किसी भी एजेंसी का नामंकन संपत्तियों का प्रयोग करने के लिए कर सकेगी.बता दें कि ईडी के पास ऐसी जब्त की हुई संपत्ति लगभग 30,000 करोड़ की है. सरकार की इच्छा है कि जब तक इन संपत्तियों पर न्यायालय फैसला करता है, तब तक इनका इस्तेमाल सरकारी आय जुटाने के लिए किया जाए. इसलिए PMLA के नियमों में बदलाव किया जा रहा है.
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