Fathers Day Special: ये कविता आपके लिए पापा

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आज भी मेरी फरमाइशें कम नही होती,
तंगी के आलम में भी, पापा की आँखें कभी नम नहीं होती.

हैँ समाज का नियम भी ऐसा पिता सदा गम्भीर रहे, 
मन मे भाव छुपे हो लाखोँ, आँखो से न नीर बहे!
करे बात भी रुखी-सूखी, बोले बस बोल हिदायत के,
दिल मे प्यार है माँ जैसा ही, किंतु अलग तस्वीर रहे!

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