नई दिल्ली: आज शुक्रवार (17 नवंबर) को सुबह 7 बजे दिल्ली में धुंध की परत छाई रही और दिल्ली के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। सुबह 8 बजे दर्ज किए गए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, आरके पुरम में वायु गुणवत्ता (AQI) 461, न्यू मोती बाग में 454, आईजीआई हवाई अड्डे क्षेत्र में 465 और नेहरू नगर में 475 दर्ज की गई, सभी गंभीर श्रेणी में हैं।
बता दें कि, दीपावली की रात शहर धुंध की मोटी परत में लिपटा हुआ था और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पटाखे फोड़े जाने के बाद अगले दिन भी जहरीली धुंध जारी रही। भारत में विश्लेषण किए गए 11 राज्यों की राजधानियों में से नौ में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दीपावली समारोह के बाद पहले 12 घंटों में अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) ट्रैकर ने 11 राजधानी शहरों के लिए पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण पदार्थ) डेटा का विश्लेषण किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उच्चतम स्पाइक (15 मिनट के अंतराल पर दर्ज) देखा गया। 13 नवंबर को सुबह 1:30 बजे पूसा में यह 999.5 ug/m3 था।
NCAP ट्रैकर भारत की स्वच्छ वायु नीति, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम पर नवीनतम अपडेट के लिए एक ऑनलाइन हब बनाने के लिए क्लाइमेट ट्रेंड्स और रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक संयुक्त परियोजना है। डेटा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सतत परिवेश वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों (CAAQMS) से प्राप्त किया गया था। प्रदूषण के खतरनाक स्तर और पटाखे फोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बावजूद दीपावली पर राष्ट्रीय राजधानी और अन्य शहरों में पटाखे फोड़े गए।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शहर में GRAP-IV नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 16 नवंबर को दिल्ली सचिवालय में संबंधित अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि GRAP नियमों के उचित कार्यान्वयन और निगरानी के लिए पर्यावरण विशेष सचिव के नेतृत्व में 6 सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए गोपाल राय ने कहा, 'टास्क फोर्स में विशेष परिवहन आयुक्त, डीसीपी (मुख्यालय) ट्रैफिक पुलिस, उपायुक्त, राजस्व (मुख्यालय), एमसीडी और पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता शामिल हैं। इस टास्क फोर्स का मुख्य काम प्रतिदिन संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर उनमें आने वाली समस्याओं को दूर करना और कार्यान्वयन रिपोर्ट सरकार को देना होगा।''
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