अलीगढ़ में 3 स्थानों पर जहरीली शराब पीने से शुक्रवार को 30 लोगों की जान चली गई है और अब भी कई लोग बीमार होकर हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इस केस में ज़हरीली शराब बेचने के एक मुख्य अभियुक्त को हिरासत में लिया जा चुका है, जबकि फरार 2 मुख्य अभियुक्तों पर मोती रकम का इनाम घोषित किया जा चुका है। सबसे पहले अलीगढ़ के करसुआ गांव से ज़हरीली शराब से 8 लोगों की मौत कि खबर सामने आई है। फौरन ही घटनास्थल पर ज़िले के आला अफसरान पहुंचे तो हैबतपुर गांव में भी ज़हरीली शराब से एक और मौत की खबर आई।
कुछ वक्त के उपरांत छेरत गांव में चार लोगों की जान चली गई। रात होते ही शराब से और लोगों के मरने की खबर सामने आई। इन सब लोगों ने गवर्नमेंट देशी शराब के ठेकों से ब्रांडेड देशी शराब के पाउच खरीद कर पिये थे। देशी शराब के इन ठेकों से शराब के सैंपल लेकर ठेके सील किया जा चुका है। आगरा जोन के ADG राजीव कृष्णा ने अलीगढ़ के हॉस्पिटल्स में भर्ती लोगों से उनका हालचाल जाना और डॉक्टरों से उनकी सेहत के बारे में समस्त जानकारी हासिल की। उन्होंने मीडिया को बताया कि फरार अभियुक्तों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस की 6 टीमें बना दी गयी हैं, जो निरंतर दबिश दे रही हैं। वे जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे। गांव नंदपुर पला, राइट, हैवतपुर, सांगौर, पला सल्लू से भी शराब से बीमार हुए लोगों को अस्पताल भिजवाया गया। इनमें से करसुआ, अंडला, नंदपुर पला, सांगौर से भेजे गए 15 लोगों की मौत हो गई। कुछ घंटों बाद जवां के गांव छेरत में भी तीन लोगों की मौत की खबर मिली। रात 12:30 बजे मेडिकल कॉलेज से गांव राइट, सांगौर व करसुआ से जुड़े 4 और शव पोस्टमार्टम केंद्र पहुंच गए थे। इसके अलावा नंदपुर पला के दो व छेरत के एक शव को मध्य रात्रि तक पोस्टमार्टम पर पहुंचाने के प्रयास परिजनों के स्तर से जारी थे।
शराब से हुई मौतों के बाद गवर्नमेंट ने कड़ा कदम उठाते हुए जिला आबकारी अधिकारी सहित 5 लोगों को निलंबित किया जा चुका है। इस केस में शराब की दुकान के मालिक सहित 4 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है। जिलाधिकारी ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का एलान किया जा चुका है। अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने पत्रकारों को कहा कि घटना की समयबद्ध मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दे दिया गया है और यह जांच अपर जिलाधिकारी स्तर के एक अधिकारी द्वारा की जाने वाली है। उन्होंने बोला कि जांच में दोषी पाये जाने वाले लोगों के खिलाफ प्रशासन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगा सकता है।
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