नई दिल्ली: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने पीएम नरेंद्र मोदी से भावुक अपील की है। एक वीडियो संदेश में पीड़िता ने कहा है कि, 'मैं विगत सात सालों से न्याय के लिए लड़ रही एक सामूहिक बलात्कार पीड़िता हूं। पीओके पुलिस, सरकारें और न्यायपालिका मुझे न्याय प्रदान करने में नाकाम रही है।' रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह पिछले सात वर्षों से इंसाफ के लिए लड़ रही है और अब आश्रय और सुरक्षा के लिए पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उसने यह भी कहा कि उसे और उसके बच्चों की जान खतरे में है।
एक वीडियो संदेश में पीड़िता ने पीएम मोदी से भारत आने देने की अपील करते हुए दावा किया है कि स्थानीय नेता चौधरी तारिक फारूक और पुलिस उन्हें और उनके बच्चों की हत्या कर सकती है। पीड़िता ने आगे कहा कि, 'इस वीडियो के जरिए मैं भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से अपील कर रही हूं कि हमें भारत आने की इजाजत दें। मेरे बच्चों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। स्थानीय पुलिस और एक वरिष्ठ नेता चौधरी तारिक फारूक कभी भी मुझे और मेरे बच्चों की हत्या कर देंगे। मैं पीएम मोदी से हमें आश्रय और सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह करना चाहती हूं।'
पीड़िता 2015 में उसके साथ हुए इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों के लिए सजा दिलाए जाने की मांग करने के लिए अधिकारियों से भी गुहार लगा रही है। उसने हारून राशिद, ममून राशिद, जमील शफी, वकास अशरफ, सनम हारून और तीन अन्य पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाया है। उसने PoK के मुख्य न्यायाधीश समेत अधिकारियों को कई पत्र लिखे, मगर उन्हें निराशा हुई कि उन्हें अपमानजनक प्रतिक्रिया मिली कि वह एक शादीशुदा महिला है।
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