इंदौर। मध्यप्रदेश में इंदौर से एक डराने वाला मामला सामने आया है जिसमे एक रसूख एक पुलिस वाले को अपनी कार के बोनट पर घसीटकर ले जा रहा है लेकिन बावजूद इसके पुलिस द्वारा उसे बाद में मामूली धाराओं में छोड़ दिया जाता है। आखिर एक प्रापर्टी कारोबारी के रसूख के आगे इंदौर पुलिस झुकी हुई क्यों नजर आ रही है? इस पूरी घटना की पर पुलिस प्रशासन की टीम पल्ला झाड़ती हुई नजर आ रही है।
दरअसल मामला यातायात नियमों का पालन करा रहे प्रधान आरक्षक शिवसिंह चौहान को कार के बोनट पर लटकाकर तीन किलोमीटर दूर ले जाने का है।
मामले में आरक्षक की जान भी जा सकती थी लेकिन इतना सब होने के बाद आरोपित पर सामान्य धाराएं लगाकर बचा लिया गया। इतना ही नहीं, हाथोहाथ जमानत भी दे दी गयी। इस मामले में जब पुलिस बल से सवाल पूछे गए तो पुलिस अधिकारी अब एक-दूसरे को जिम्मेदार बता पल्ला झाड़ रहे हैं।
घटना इंदौर के सत्यसाई चौराहे की है जहां पर प्रधान आरक्षक चौहान सुबह ड्यूटी कर रहे थे। इसी बीच एक कार का चालक केशव उपाध्याय मोबाइल पर बात करते हुए और यातायात नियम तोड़ते हुए जाने लगा। प्रधान आरक्षक ने उसे रोका तो वह रुक गया। अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए आरोपित केशव ने कार में बैठे-बैठे ही कहा - गृहमंत्री से बात कर लो। लेकिन उस समय पुलिस अधिकारीयों ने फ़ोन पर बात नहीं की। लेकिन इतना सब होने के बाद आरोपी को मामूली धाराओं में छोड़ दिया गया। जबकि प्रधान आरक्षक की जान भी जा सकती थी। दरअसल मामले में जानकारी मिली है की किसी का फ़ोन आने के बाद अफसर द्वारा कम्प्यूटर से धाराएं बदल दी गयी।
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