इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तहरीक - ए - लब्बैक या जिसे रसूल अल्लाह के नाम के इस्लामिक संगठन द्वारा किया जाने वाला धरना प्रदर्शन भी कहा जाता है। उसमें शामिल लोगों को तितर - बितर करने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे, साथ ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बुलेट से फायर भी किया। हालांकि यह बुलेट रबर की थी लेकिन, फायरिंग होते ही लोग यहां-वहां भागने लगे। इस दौरान पुलिस व अर्द्धसैनिक बल के 8500 जवानों ने पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में लगभग 2 हजार प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना प्रारंभ कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने अपने प्रदर्शन के दौरान क्षेत्र के हाईवे को बाधित कर दिया था। ऐसे में महत्वपूर्ण क्षेत्र का आवागमन ही रूक गया था। टीएलपी कार्यकर्ता, अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के प्रति, कथित नरम रूख को लेकर संघीय और प्रांतीय कानून मंत्री जाहिद हमीद और राणा सनाउल्लाह के विरूद्ध प्रदर्शन कर दिया गया।
प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों के बीच विवाद भी हुआ और यह विवाद हिंसक हो उठा। जिसके कारण पुलिस ने आंसू गैस के गोल छोड़े और रबर की गोलियों से प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रदर्शन को लेकर निर्देश दिए हैं कि लोग जल्द से जल्द इन रास्तों को खाली कर दें। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे सारी व्यवस्था को ठप कर देंगे।
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