जम्मू: केंद्रीय गृह विभाग ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में प्रशासन के लिए नए आदेशों की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. जिसमें उपराज्यपाल (एल-जी) और मंत्रिपरिषद के कार्यविभाजन किया जा चुका है. जंहा इस बात का पता चला है कि “पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार निरोधक कार्य उप-राज्यपाल के कामों के अंतर्गत आएंगे, इन विषयों पर सीएम या मंत्रिपरिषद का नियंत्रण नहीं होने वाला है.
अधिसूचित नियमों को जारी करते हुए केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार का मानना है कि ऐसा कोई प्रस्ताव या केस शांति व्यवस्था को प्रभावित किया जा सकता है. या किसी अल्पसंख्यक समुदाय, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के हितों पर प्रभाव डालेंगे, उन्हें मुख्य सचिव के माध्यम से सीएम की सूचना में लाकर अनिवार्य रूप से उपराज्यपाल, के समक्ष रखे जाने वाले है”.
सीएम की अगुवाई में मंत्रिपरिषद गैर-अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के सेवा केसों में नए कर लगाने, भूमि राजस्व, बिक्री अनुदान या गवर्नमेंट प्रॉपर्टी के पट्टे, विभागों या कार्यालयों के पुनर्गठन और कानून का सौदा किया जाने वाला है. LG और मंत्री के मध्य किसी विषय पर मतभेद होने पर उपराज्यपाल का निर्णय आखरी होगा.
6 अगस्त, 2019 को, संसद ने जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को रद्द करते हुए संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म किया जा चुका है. और साथ में राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाट दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते वर्ष संसद में कानून पेश करते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा जल्द ही बहाल कर किया जाने वाला है. मनोज सिन्हा को उप-राज्यपाल बनाने के उपरांत ही राज्य में राजनितिक व्यवस्था की बहाली की कोशिश शुरू कर कर दी जाएगी.
राज्य में होंगे 39 विभाग: नियमों के तहत, यूटी में स्कूल शिक्षा, कृषि, उच्च शिक्षा, बागवानी, चुनाव, सामान्य प्रशासन, गृह, खनन, बिजली, लोक निर्माण विभाग, आदिवासी मामलों और परिवहन जैसे 39 विभाग होने वाले है.
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