चंडीगढ़: खालिस्तानी समर्थक संगठन वारिस पंजाब दे का अध्यक्ष अमृतपाल सिंह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। अमृतपाल की तलाश में 32 दिनों तक जिले और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर सीमावर्ती क्षेत्र की खाक छान रही उत्तराखंड की ऊधमसिंह नगर पुलिस ने उस वक़्त चैन की सांस ली, जब पंजाब में उसके अरेस्ट होने की सूचना मिली।
हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद धार्मिक स्थलों व उत्तराखंड-यूपी बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। अमृतपाल के यूएसनगर होकर नेपाल भागने की संभावना थी। इनपुट के आधार पर उत्तराखंड नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी अलर्ट जारी किया गया था। अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब यूएसनगर पुलिस ने मामले में छानबीन रोक दी है। वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सबसे पहले 23 फरवरी को सुर्ख़ियों में आया था।
उसने पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन में अपने करीबी को छुड़ाने के लिए सैकड़ों की तादाद में समर्थकों के साथ हमला कर दिया था। हमले में छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। इसके बाद उसने कई टीवी चैनलों में दिये इंटरव्यू में खुलेआम खालिस्तान का समर्थन किया था और सिख भाइयों को भड़काया था। इसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां उसकी खोज में थीं।
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