ब्यूरो रिपोर्ट
ग्वालियर। जिले में कुछ दिन पहले चरवाहे की मौत का मामला सामने आया था, जिसे देखते हुए पुलिस ने इस पुरे मामले का खुलासा कर दिया है। आपको बता दे की जिले में लगभग एक सप्ताह पहले हुई चरवाहे की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। लेकिन इस पुरे मामले में आरोपी को किसी सुराग ने नहीं बल्कि बकरियों के दम पर पुलिस ने पकड़ा है और इतना ही नहीं मृतक चरवाहे की बकरियों ने ही पुलिस को आरोपियों तक पहुंचाया और हत्यारे का सुराग बताया।
आपको बता दे की आरोन स्थित बेरखेड़ा में रहने वाला 40 वर्षीय महेन्द्र आदिवासी चरवाहा था। वह 4 जुलाई की सुबह घर से 25 बकरियां लेकर जंगल में चराने के लिए निकला था, इसके बाद वह वापस ही नहीं लौटा। रात तक महेन्द्र और बकरियों का पता नहीं चलने पर परिजनों को चिंता हुई। गांव वालों के साथ मिलकर परिजन ने उसे जंगल में तलाशा, लेकिन महेन्द्र नहीं मिला। बाद में परिजन ने आरोन थाने पहुंचकर सूचना दी।
पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कर पड़ताल शुरू की। पड़ताल के चलते गांव से करीब 8-10 किलोमीटर दूर घने जंगल में उसकी लाश मिली। वह जमीन पर औंधे मुंह मृत पड़ा हुआ था। उसके सिर के बाल और चेहरे से मांस गायब था, बाकी शरीर सही सलामत था। आपको बता दे की पुलिस को बकरियों को बेचे जाने की खबर मिली थी। जिस पर पुलिस एक्टिव हुई और बकरियों से होते हुए दो संदेहयों को पुलिस ने उठाया, जिन्होंने हत्या कर बकरियों को लूटने की वारदात को कबूल किया। वही पुलिस ने आरोपियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला है, इस पुरे मामले में बकरियों की अहम भूमिका मानी जा रही है। बकरियां लूटने और विरोध करने पर चरवाहे की कुल्हाड़ी मारकर हत्या की बात आरोपियों द्वारा कुबूल की गई। पुलिस ने आरोपियों से वारदात में उपयोग की गई कुल्हाड़ी भी जब्त कर ली है, फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
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