जालंधर : यह विडंबना ही है कि जगह-जगह पर शहरवाासियों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने का पाठ पढ़ाने वाला पुलिस विभाग खुद ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है . इसका खुलासा एक विशेष खोज में हुआ है .इसमें पता लगा है कि पुलिस की गाड़ियों का बीमा इसलिए नहीं करवाया जाता, क्योंकि बीमा नवीनीकरण के लिए सरकार द्वारा कोई धन नहीं दिया जाता है.
आमतौर पुलिस वाले वाहन चालकों के पास आर.सी., ड्राइविंग लाइसैंस, इंश्योरैंस, प्रदूषण में से कोई भी दस्तावेज कम होने पर चालान काटते नजर आते हैं.लेकिन एक विशेष जाँच में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है कि कमिश्नरेट पुलिस के किसी भी अधिकारी, एसएचओ की सरकारी गाडिय़ों के दस्तावेज पूरे नहीं हैं यहां तक कि कई गाडिय़ों की आर.सी. तक नहीं है. न तो इन गाड़ियों का प्रदूषण प्रमाणपत्र है और न ही किसी गाड़ी की बीमा है. अधिकांश गाड़ियां बिना बीमे की ही दौड़ रही है.
इस बारे में नाम नहीं छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार अधिकारियों को सरकारी कार्यों के लिए गाडिय़ां तो उपलब्ध करवा कर दस्तावेज भी दे दिए जाते हैं, लेकिन हर साल रिन्यू करवाने के लिए फंड जारी नहीं किया जाता . वाहन का उपयोग करने वाले अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं . इंश्योरैंस, पॉल्यूशन का ही पूरे पंजाब की सरकारी गाडिय़ों का बजट करोड़ों में में होने से इसे हर साल टाल दिया जाता है. इस संबंध में डी.सी.पी. गुरमीत सिंह से जानना चाहा कि 8 साल से गाड़ियों का बीमा क्यों नहीं हुआ, तो उन्होंने मामले की जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कर फोन काट दिया.
यह भी देखें
पति से इंसाफ पाने भूख हड़ताल पर बैठी पत्नी
अविवाहित महिला और क्लीन शेव सिख पाक नहीं जा सकते