इंदौर: कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के मध्य लाॅकडाउन में सख्ती के साथ मध्य प्रदेश पुलिस का एक मानवीय चेहरा रविवार दोपहर को इंदौर में दिखा। पुलिस ने बिना वजह घूमने वालों को डंडे ही नहीं मारे, जरूरतमदों की मदद भी की है। रीगल चौराहे पर एक पिता अपनी बेटी की परीक्षा के उपरांत घर लेकर जा रहा था।
रास्ते में गाड़ी का पेट्रोल समाप्त हो गया। पेट्रोल पंप बंद होने के कारण से दोनों ही पैदल जाने लगे। इस बीच ट्रैफिक पुलिस के हेड कांस्टेबल रंजीत ने उन्हें रोका। वे डर गए, लेकिन यह डर कुछ देर ही रहा। रंजित ने अपनी बाइक से पेट्रोल निकालकर उन्हें दिया। जिसके उपरांत बच्ची का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। उसने रंजीत को थैंक्यू अंकल कहकर धन्यवाद दिया।
बच्ची के पिता राजू ने सूचना देते हुए कहा कि, बेटी 9वीं कक्षा में है। रविवार को उसका आज प्रैक्टिकल था। उसे लेने के लिए बाल विनय मंदिर गए हुए थे। लौटते समय रास्ते में गाड़ी का पेट्रोल समाप्त हो गया। मेरा घर कलेक्ट्रेट मार्ग पर है। गाड़ी को धक्का लगाते हुए रीगल चौराहे तक जैसे तैसे पहुंचे। हम बता दें कि राजू की बेटी भी साथ में पैदल चल रही थी। इसी बीच ड्यूटी पर तैनात यातायात के हेड कांस्टेबल रंजीत सिंह ने उन्हें रोक लिया। घर से बाहर निकलने की वजह पूछा तो राजू ने पूरी बात बता दी। इस पर रंजीत ने उन्हें गाड़ी साइड में लगाने को बोला, और अपनी गाड़ी से पेट्रोल निकालकर उनकी गाड़ी में डाला।
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