नई दिल्ली : पश्चिम यूपी की बहुचर्चित सीट कैराना और बिजनौर जिले की नूरपुर विधानसभा में भाजपा को जोरदार शिकस्त देने के बाद जहाँ समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस खुश है ,वहीं बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.दरअसल मायावती की इस चुप्पी में एक गहरा सियासी संदेश छिपा है.
बता दें कि एक अख़बार के मुताबिक मायावती अपनी खामोशी के जरिए महागठबंधन में बसपा को अधिक सीटें देने का संकेत दे रही हैं. खबर के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बनने वाले महागठबंधन में मायावती यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 40 सीटें बसपा के लिए मांग सकती हैं. इसके पूर्व पिछले दिनों लखनऊ में आयोजित पार्टी कार्यकर्ताओं के एक सम्मेलन में मायावती ने कहा भी था कि यदि महागठबंधन में उन्हें सम्मानजनक सीटें ना मिलीं तो वो अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी.
उल्लेखनीय है कि मायावती के इस बयान के जवाब में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, था कि उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा. 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बसपा के साथ गठबंधन जरूर होगा. अखिलेश ने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि महागठबंधन में मायावती की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी . गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में विपक्ष की जीत में निर्णायक साबित हुए दलित वोटों के बाद महागठबंधन में मायावती का कद काफी बढ़ गया है.ऐसे में अखिलेश सीटों को लेकर विवाद से बचना चाहेंगे .
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