एक बार फिर कर्नाटक की राजनीति में सियासी नाटक प्रांरभ होने के आसार नजर आ रहे है. सरकार में मंत्री न बनाए जाने को लेकर भाजपा के ही विधायकों ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. माना जा रहा है कि भाजपा सरकार में कांग्रेस से आए बागियों को मंत्री बनाने पर पार्टी के अंदर असंतोष पैदा हुआ है. हालांकि पार्टी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी भी तरह के विद्रोह का खंडन किया है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पद से हटाने की मांग को लेकर एक पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया गया है. इसके जारी होने के बाद से ही पार्टी में असंतोष की अटकलें शुरूस हुईं. वहीं, कर्नाटक भाजपा के प्रवक्ता जी मधुसुधना ने आईएएनएस को बताया, 'मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के निजी सचिव संतोष के नाम से सोशल मीडिया पर कन्नड़ में जारी किया गया अहस्ताक्षरित पत्र फर्जी है, पार्टी के अंदर कोई विद्रोह नहीं हुआ है.'
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दूसरी कैबिनेट का विस्तार 6 फरवरी येदियुरप्पा ने किया था. कैबिनेट में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए 10 विधायकों को मंत्री बनाया गया. इस पर पार्टी के वरिष्ठ विधायकों का कहना है कि उनकी वर्षों की सेवा की अनदेखी की गई और उनकी कीमत पर कांग्रेस के बागियों को मंत्री पद से नवाजा गया.यही नहीं नाराज विधायकों का आरोप है कि येदियुरप्पा के बेटे बी.वाई विजयेंद्र राज्य में सुपर सीएम की तरह काम कर रहे हैं. इस आरोप पर मधुसूदन ने कहा कि वो सिर्फ पार्टी गतिविधियों में अपने पिता की सहायता कर रहे है क्योंकि वह एक पार्टी कार्यकर्ता भी है.
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