गुरुवार को मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए अपने दृष्टिकोण को स्थिर से नकारात्मक कर लिया है. मूडीज का अनुमान है कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियों के बाधित रहने कारण बैंकों की एसेट क्वालिटी में कमी आ सकती है. मूडीज ने कहा कि पोर्टफोलियो और कैपिटल पर दबाव के साथ ही बैंकों की एसेट क्वालिटी पूरे कॉरपोरेट, स्मॉल और मध्यम उद्यमों और खुदरा क्षेत्र में कमजोर होगी.
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भारतीय बैंकिंग सिस्टम को लेकर मूडीज ने कहा, 'हमने भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए अपने दृष्टिकोण को स्थिर से बदलकर निगेटिव कर दिया है. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से भारत की आर्थिक वृद्धि में और सुस्ती आएगी.' मूडीज ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट और बेरोजगारी में वृद्धि से लोगों की और कॉरपोरेट्स की वित्तीय स्थिति कमजोर होगी, जिसके परिणामस्वरूप अपराधो में वृद्धि होगी. वही, एजेंसी ने कहा, 'गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं के बीच सॉल्वेंसी स्ट्रेस बढ़ने से बैंकों की एसेट क्वालिटी पर जोखिम बढ़ेगा, क्योंकि बैंकों का सेक्टर के लिए बड़ा एक्सपोजर है.' मूडीज का अनुमान है कि लाभप्रदता और लोन ग्रोथ के कमजोर होने से पूंजीकरण को नुकसान होगा.
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इसके अलावा मूडीज ने कहा, 'लोन लॉस चार्जेज में बढ़ोत्तरी और राजस्व में गिरावट से बैंकों की लाभप्रदता को नुकसान पहुंचेगा, इससे पूंजीकरण कमजोर होगा. अगर सरकार पिछले कुछ सालों की तरह ही पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSBs) में और पूंजी निवेश करती है, तो यह उनके लिए पूंजीगत दबाव को कम करने में मदद करेगा.'
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