पटना: बुधवार की शाम RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार की राजधानी पटना लौट आए हैं। चारा घोटाले के डोरंडा कोषागार में जमानत पर बाहर आने के पश्चात् लालू यादव पहली बार पटना लौटे हैं। लालू के पटना लौटते ही सियासी सरगर्मी भी तेज हो गई। जैसे ही बीजेपी के नेतोओं को खबर प्राप्त हुई कि लालू बिहार लौट आए हैं तो पार्टी ने नीतीश द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जाने की मंजूरी दे दी। दरअसल, बीजेपी को पता है कि बिहार में जाति के आधार पर अधिक मतदान होता है तथा लालू यादव जाति की सियासत करने में सबसे ज्यादा माहिर हैं। बीजेपी अगर जातिगत जनगणना के मसले पर बातचीत में सम्मिलित नहीं होती तो इसका हर्जाना आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ता।
आपको बता दें कि बिहार की सबसे बड़ी आबादी पिछड़ों तथा अतिपिछड़ों की है इसलिए जाति जनगणना का सबसे बड़ा लाभ भी इन्हीं समुदायों को होने वाला है। पिछड़े और अतिपिछड़े का वोट बैंक JDU तथा RJD दोनों को फायदा पहुंचाता है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने भी पिछड़ी जाति के होने का हवाला देकर वोटबैंक में सेंधमारी की है।
बता दे कि लालू यादव सबसे पहले राज्य सभा की RJD की दो सीटों के लिए RJD के प्रत्याशी तथा विधान परिषद की सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान करेंगे। राज्य सभा की एक सीट पर मीसा भारती का जाना तय माना जा रहा है। दूसरी सीट पर किसी मुस्लिम प्रत्याशी को भेजने की चर्चा खूब है। वहीं 5 जून को जयप्रकाश संपूर्ण क्रांति दिवस के अवसर पर लालू यादव बापू सभागार के एक समारोह में बिहार की NDA सरकार की रिपोर्ट कार्ड जारी करेंगे। लालू प्रसाद RJD की तरफ राज्य कार्यालय में तैयार लाइब्रेरी का उद्घाटन करेंगे।
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