गुना: केंद्रीय मंत्री और आम चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार, ज्योतिरादित्य सिंधा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों दिग्विजय सिंह और कमल नाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि अगर उन्होंने मप्र में सरकार नहीं बदली होती, तो लाडली बहनों का पैसा उनकी (दिग्विजय और कमलनाथ की) जेबों में होता। सिंधिया ने रविवार को मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। लोकसभा चुनाव 2024 में सिंधिया गुना संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
सिंधिया ने रैली में कहा कि, "लाडली बहना को उनके बैंक खातों में प्रति माह 1250 रुपये मिल रहे हैं। अगर मैंने सरकार नहीं बदली होती, तो वह पैसा दिग्विजय सिंह और कमल नाथ की जेब में होता। मध्य प्रदेश में किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6000 रुपये नहीं मिलते।" केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''यह समय पीएम मोदी को मजबूत करने का है।'' अपने चुनावी भाषण के दौरान सिंधिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और आयुष्मान भारत योजना जैसी केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं का भी जिक्र किया। केंद्रीय मंत्री ने आगे आयुष्मान योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, 'किसी अन्य पीएम ने 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर नहीं दिया, यह पीएम मोदी हैं जिन्होंने इसे हमें दिया।'
इस बीच, सिंधिया की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता दिगविजय सिंह ने कहा कि, ''सरकार क्यों गिराई गई यह अलग बात है, लेकिन वह (सिंधिया) कहते थे कि अगर कर्ज माफ नहीं किया गया, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई तो वह सड़कों पर उतरेंगे। लेकिन सड़कों पर उतरने की बजाय वह हवाई जहाज से पहुंचे। दिग्विजय ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की समर्थक है।
वहीं, दूसरी ओर, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी ने भी सिंधिया की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को जवाब देना चाहिए कि श्योपुर-गुना में बच्चे कुपोषित क्यों हैं। पटवारी ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि, "मुझे लगता है कि उन्हें (ज्योतिरादित्य सिंधिया) को जवाब देने की जरूरत है कि श्योपुर-गुना में बच्चे कुपोषित क्यों हैं। वहां चीतों के लिए तो व्यवस्था की गई, लेकिन वहां लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था क्यों नहीं है? वहां बच्चों को स्कूल, कॉलेज, पीने का पानी और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती थीं। वह किसानों की कर्जमाफी के बारे में बात नहीं करते, जिस पर उन्होंने मप्र सरकार गिरा दी थी।''
बता दें कि, राज्य की आठ अन्य संसदीय सीटों- मुरैना, भिंड, ग्वालियर, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, बैतूल के साथ गुना में 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा। मध्य प्रदेश में लोकसभा के लिए मतदान चार चरणों में होगा, अगले तीन चरण 26 अप्रैल, 7 मई और 13 मई को होंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होनी है। मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं, जो निचले सदन में भेजे जाने वाले सदस्यों के मामले में यह छठा सबसे बड़ा राज्य है। इनमें से 10 सीटें एससी और एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं, जबकि बाकी 19 सीटें अनारक्षित हैं।
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