कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में नवजोत सिंह सिद्धू बीजेपी पर के खिलाफ हो लिए और भाषण ने सोशल मीडिया पर सुर्खिया भी बटोरी. मगर बड़बोले सिद्धू के बयानों में कभी मेल जोल नहीं रहा वे हमेशा अपनी बातों से पलटने के लिए मशहूर रहे है. कभी बीजेपी में रहते हुए सिद्धू ने जो कहा अब उसका ठीक उल्टा कह रहे है.
तब -नरेंद्र भाई के जन्म दिन पर यहां आना ठीक वैसा ही है जैसा कोई मिट्टी का ढेला गुलाबों की क्यारी में आ गया हो. जैसे कोई तिनका नर्मदा में बहता-बहता शिवलिंग के ऊपर टिक जाए. वैसे सिद्धू आज नरेंद्र भाई के जन्म दिन पर आकर महसूस कर रहा है.
अब - उन्होंने कहा कि सिद्दू कांग्रेस अधिवेशन में ठीक वैसा ही महसूस कर रहा है जैसे कोई तिनका नर्मदा में बहता-बहता शिवलिंग के ऊपर टिक जाए. वैसा सिद्धू महाकुंभ में आकर महसूस कर रहा है.
तब -नरेंद्र भाई मोदी के साथ आकर मैं खुद को बड़ा भाग्यवान मानता हूं. मैं आपके सामने शीश झुकाता हूं. वो लोग आपके सामने कभी नहीं झुकते जो अकड़ में होते हैं. अकड़ना तो मुर्दों की पहचान होती है. ये कांग्रेस वालों की पहचान है जम के लूटेंगे और तुम विरोध करोगे तो डट के कूटेंगे.
अब -मैं मनमोहन सिंह के सामने शीश झुकाता हूं. झुकते वो लोग आपके सामने कभी नहीं है जिनमें अकड़ होती है.
तब -मौनी बाबा...मौनी बाबा...मोबाइल साइलेंट मोड़ पर करना हो तो उसे मनमोहन सिंह मोड़ पर कर दो. बोलो सही है की नहीं है.
अब-मनमोहन सिंह. जो आपके मौन ने कर दिया वो बीजेपी का शोर शराबा नहीं कर पाया.
तब- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरदार है ये मैं नहीं कह सकता.
अब -मनमोहन सिंह जी आप सरदार भी हैं और असरदार भी हैं.
तब -कांग्रेस, मुन्नी से ज़्यादा बदनाम है. अब तो ख़ुद मुन्नी भी इन पर शर्मिंदा है.
अब- कांग्रेस कोई बर्फ की कली नहीं है जो पिघल जाएगी. कांग्रेस 70 साल पुरानी पार्टी है. इसे हिलाना आसान नहीं.
तब- जब भारत माता का चीरहरण हो रहा है. जब भारत माता की लाज, भारत माता की शान उनका गौरव और सिर का पल्लू उछल रहा हो और ये कांग्रेस वाले 50 साल से ऐसा कर रहे हो तो हमें प्रण करना होगा की आजादी की शाम नहीं होने देंगे. जब तक तन में एक लहू भी बाकी है भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे.
अब-हम कांग्रेसियों को प्रण करना होगा की आजादी की शाम नहीं होने देंगे. जब तक तन में एक लहू भी बाकी है भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे.
तब- नरेंद्र भाई का कद दोगुन- तिगुना हर दिन बढ़ रहा है. आज अनिल अंबानी, धीरूभाई अंबानी से भी उनका कद अमीर हो गया है.
अब- कमाए होंगे अम्बानियों ने पैसे बने होंगे बड़े-बड़े सेठ. यदि किसी ने 20 साल में सबसे ज्यादा इज्जत कमाई है तो वो है हमारी अध्यक्षा सोनिया गांधी.
तब- मेरी एक ही तमन्ना इच्छा है. एक ही लालसा है कि भारतीय जनता पार्टी वाले लाल किले पर तिरंगा फैराते दिखाई दे.
अब- अपने पूर्वजों का आशीर्वाद है. जब तक मेरे बदन में लहू होगा तब तक मैं राहुल भैया से लाल किले पर झंडा फहराए बिना नहीं मानूंगा
तब- है अंधेरा बहुत. उजाला होना चाहिए सूरज निकलना चाहिए. जैसे भी हो मौसम बदलना चाहिए. जो लोग बदलते हैं नकाब उनका जनाजा निकलना चाहिए. (ये बात सिद्धू ने कांग्रेस के लिए कही थी.)
अब- है अंधेरा बहुत. उजाला होना चाहिए सूरज निकलना चाहिए. जैसे भी हो मौसम बदलना चाहिए. जो लोग बदलते हैं नकाब उनका जनाजा निकलना चाहिए. (यही बात दोबारा सिद्धू ने बीजेपी के लिए कही.)
तब- बुलबुला चाहे छोटा हो लेकिन पानी के ऊपर वह जीता है. नरेंद्र मोदी का जीवन भी इसी तरह है.
अब- कांग्रेस के अधिवेशन का ये पल ठीक उस बुलबुले की तरह है जो पानी के ऊपर होता है. ये पल मेरे लिए भी ठीक उसी तरह है.
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