वाशिंगटन. जलवायु परिवर्तन देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है और दुनिया का कोई भी देश इससे होने वाले नुकसान से बच नहीं सका है. दुनिया में तेजी से बदलती जीवनशैली और कार्बन का अत्यधिक मात्रा में उत्सर्जन होना इस जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है और इस वजह से दुनिया भर में तापमान बढ़ने के साथ-साथ और भी कई गंभीर दुष्परिणाम सामने आ रहे है.
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जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग से हो रहे इन नुकसान को गंभीरता से लेते हुए अब दुनिया भर के कई देशों ने इसे रोकने के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है. इस मामले में हाल ही में दुनियाभर के तक़रीबन 200 देशों के प्रतिनिधियों ने हाल ही में इस समस्या से निपटने के लिए यूनाइटेड नेशंस से सहयोग राशि भी मांगी है, यह सभी प्रतिनिधि कल (रविवार को) पोलैंड में एकत्रित हुए थे जहाँ इन सभी प्रतिनिधियों ने विनाशकारी जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए बनाई गई अपनी-अपनी योजनाओं का खाका भी UN के सामने पेश किया है और इन योजनाओं को अमल में लाने के लिए राशि दिए जाने की मांग भी की है.
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आपको बता दें कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी चुनौती बन चूका है और इस वजह से धरती का तापमान भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते तापमान की वजह से एक तरह तो सभी बड़े-बड़े गलेसियर्स पिघलने लगे है तो वही दूसरी ओर समुद्र का लेवॅल भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. यह दोनों ही चीजे धरती के लिए बहुत खतरनाक है.
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