उत्तर प्रदेश के 31 पॉलीटेक्निक को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। तीन बैठकों के साथ इसकी रूपरेखा बन चुकी है। उम्मीद है कि नए सत्र में छात्रों को प्राइवेट पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेना होगा। इसके साथ-साथ यहां प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के लिए निजी स्टाफ रखा जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में 147 राजकीय और 19 अनुदानित पॉलीटेक्निक हैं।पॉलीटेक्निक में लगातार गिर रही शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सरकार गंभीर है। करार के तहत सभी पॉलीटेक्निक की जमीन सरकार के नाम ही रहेगी। उसमें जो संसाधन लगे हैं, वह भी सरकारी रहेंगे। निजी सेक्टर सिर्फ संसाधनों की संख्या बढ़ा सकते हैं। निदेशालय व मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि प्राइवेट हाथों में जाने के बाद पॉलीटेक्निक में शिक्षा व प्रैक्टिकल के स्तर में सुधार होगा। छात्रों को अत्याधुनिक मशीनों के जरिए नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा। हालांकि संस्थान में पढ़ाया वही जाएगा, जो प्राविधिक शिक्षा मंत्रालय तय करेगा, ऐसा इसलिए क्योंकि सभी पॉलीटेक्निक में एक समान पाठ्यक्रम ही पढ़ाया जाए।
ध्यान देने वाली बात ये है की मंत्रालय से जुड़े अफसरों का कहना है कि राजकीय पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा की फीस करीब 10 हजार रुपए है। अगर ये पॉलीटेक्निक निजी सेक्टर में चले जाते हैं तो शुल्क में करीब दस गुना की बढ़ोतरी हो सकती है। यानी एक लाख रुपये तक देने पड़ सकते हैं। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में संचालित यूआईईटी से छात्र अगर बीटेक की डिग्री लेता है तो उसे एक साल में करीब 80 हजार रुपए फीस देनी पड़ती है, जबकि निजी सेक्टर में जाने के बाद पॉलीटेक्निक से डिप्लोमा लेने के लिए छात्र को एक लाख रुपए फीस देनी होगी। ऐसे में बीटेक से ज्यादा महंगा पॉलीटेक्निक में दाखिला लेना हो जाएगा।
ये भी ध्यान रखने वाली बात ये है राजस्थान में पॉलीटेक्निक को निजी सेक्टर में देने का प्रयोग शुरू किया गया था, जो फेल साबित हो गया। वहां वर्ष 2006 में सात संस्थानों को निजी सेक्टर को सौंपा था। धीरे-धीरे संस्थानों में ही विवाद शुरू हुआ और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। कमलरानी वरुण (प्राविधिक शिक्षा मंत्री) ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त निधि है जिससे सभी पॉलीटेक्निक संचालित हो रहे हैं, किसी प्राइवेट एजेंसी से पॉलीटेक्निक के संचालन जैसी योजना नहीं है और न ही किसी से कोई मदद ली जा रही है। इस संबंध में ज्यादा जानकारी भी नहीं है। अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।
इन पॉलीटेक्निकों का निजीकरण प्रस्तावित
-राजकीय पॉलीटेक्निक मिल्कीपुर, अयोध्या
-राजकीय पॉलीटेक्निक बछरावां, रायबरेली
-राजकीय पॉलीटेक्निक कुलपहाड़, महोबा
-राजकीय पॉलीटेक्निक बांसडीह, बलिया
-राजकीय पॉलीटेक्निक अतरौलिया आजमगढ़
-राजकीय पॉलीटेक्निक, शमशाबाद-आगरा
-राजकीय महिला पॉलीटेक्निक, बहराइच
-राजकीय पॉलीटेक्निक ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद
-राजकीय पॉलीटेक्निक सहजनवां, गोरखपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक फाफामऊ, प्रयागराज
-राजकीय पॉलीटेक्निक राजगढ़, मिर्जापुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक चोपन, सोनभद्र
-राजकीय पॉलीटेक्निक चखिया, चन्दौली
-राजकीय पॉलीटेक्निक बारा, प्रयागराज
-राजकीय पॉलीटेक्निक देवबंद, सहारनपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक धामपुर, बिजनौर
-राजकीय पॉलीटेक्निक सैंथल, बरेली
-राजकीय पॉलीटेक्निक तुलसीपुर, बलरामपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक जेपी नगर, अमरोहा
-राजकीय पॉलीटेक्निक अजगरीपुर, संभल
-राजकीय पॉलीटेक्निक कुरुपिंडरा, वाराणसी
-राजकीय पॉलीटेक्निक ग्रंट, श्रावस्ती
-राजकीय पॉलीटेक्निक चमऊआ, रामपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक राहतपुर खुर्द, बिजनौर
-राजकीय पॉलीटेक्निक जलालाबाद, शाहजहांपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक जिगरसंड, बलिया
-राजकीय पॉलीटेक्निक जमनिया, गाजीपुर
-राजकीय पॉलीटेक्निक भिलीहिली, आजमगढ़
-राजकीय पॉलीटेक्निक संत रविदास नगर, भदोही
-राजकीय पॉलीटेक्निक मवाना, मेरठ
-राजकीय पॉलीटेक्निक सोरो, कासगंज
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