आज के वक्त में घड़ी पहनना भले ही लोगों का शौक बन चुका हो, लेकिन घड़ी का होना जरुरी भी है. एक समय था जब कुछ गिने-चुने और अमीर लोगों के पास ही घड़ियां हुआ करती थीं और वो उसे पहनना अपनी शान समझते थे. क्या आपने कभी सोचा है कि जो घड़ी अब आम हो गई है, उसे दुनिया में सबसे पहले किसने बनाया था और वो घड़ी कैसी नजर आती थी. आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जो की हैरान कर देने वाली है .
बता दें की दुनिया की सबसे पहली घड़ी को 'पोमैंडर वॉच ऑफ 1505' या 'वॉच 1505' के नाम से जाना जाता है. इसे जर्मन आविष्कारक पीटर हेनलेन ने बनाया था और उन्हें ही दुनिया का सबसे पहला घड़ी निर्माता माना जाता है. पीटर हेनलेन ने इस घड़ी को करीब 515 साल पहले यानी 1505 में बनाया था. किसी सेब के आकार की पोमैंडर घड़ी आखिर कैसे दुनिया के सामने आई, इसकी कहानी भी बड़ी ही दिलचस्प है. कहते हैं कि साल 1987 में घड़ी बनाने वाले एक युवक ने लंदन के कबाड़ी मार्केट से 10 पाउंड यानी आज के हिसाब से करीब 947 रुपये में पोमैंडर को खरीदा था, लेकिन उसे ये नहीं पता था कि वो दुनिया की सबसे पहली घड़ी है. उसने उस घड़ी को कई सालों तक अपने पास रखा और फिर साल 2002 में उसने उसे किसी और को बेच दिया. अब जिसने उस घड़ी को खरीदा, उसे भी इसकी कीमत नहीं पता थी, इसलिए उसने भी उसे किसी और को बेच दिया.
हालांकि जब पोमैंडर घड़ी एक शोध करने वाले युवक के हाथ लगी, तब जाकर इसे दुनियाभर में पहचान मिली. उस घड़ी पर उसे बनाने का साल भी लिखा हुआ था और उसपर उसके आविष्कारक पीटर हेनलेन का हस्ताक्षर भी था. ये भी बताया जाता है कि यह घड़ी पीटर हैनलैन की निजी घड़ी थी, जिसे वो हमेशा अपने पास रखते थे. दुनिया की सबसे पहली घड़ी की खास बात तो ये है कि यह कॉपर (तांबा) और सोने से बनी हुई है. आज के वक्त में इस घड़ी की कीमत 50 से 80 मिलियन डॉलर यानी करीब 381 करोड़ रुपये से 611 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है.
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