नई दिल्ली: कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने जारी रमजान के महीने में मुस्लिमों से जकात देने की अपील की है. 7 अप्रैल को PFI ने एक वीडियो मैसेज के माध्यम से रमजान के मौके पर मुस्लिमों से अधिक से अधिक जकात यानी दान देने की अपील की है. ट्विटर पर @PFIOfficial नाम से बनाए गए हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया है.
A share of your Zakat that the Hindutva Dreads the Most#SupportToPopularFront pic.twitter.com/tExVEPaHjr
— Popular Front of India (@PFIOfficial) April 7, 2022
इस वीडियो में कहा गया है कि 'आपकी जकात का एक हिस्सा जिससे हिंदुत्व सबसे अधिक घबराता है.' सोशल मीडिया में वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या हिंदुत्व की विचारधारा से देश के मुसलमानों को बरगला कर जकात/दान मांगना उचित है? क्या एक वर्ग पर हावी होने या उसका डर दिखाकर कर पैसे इकठ्ठा जुटाना गैर कानूनी नहीं है? बता दें कि इस्लाम में जकात का एक धार्मिक महत्व है, मगर यहां कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI रमजान में मुस्लिमों से जकात केवल इस नाम पर मांग रहा है, क्योंकि उनका दावा है कि जकात के हिस्से से हिंदुत्व सबसे ज्यादा घबराता है.
बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में आतंकवाद और दंगा भड़काने के इल्जाम PFI पर लगते रहे हैं. संगठन और इनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ अलग-अलग राज्यों में मामले भी दर्ज हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PFI पर गैर कानूनी तरीके से विदेशी फंड के उपयोग का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कर रखा है. केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई से PFI की आर्थिक तौर पर कमर टूट चुकी है, इसीलिए अब PFI हिंदुत्व का डर दिखाकर जकात देने का आग्रह किया गया है. अगर आप इस वीडियो के कमेंट सेक्शन में जाते हैं, तो आपको ऐसे कई मुस्लिम सोशल मीडिया यूज़र्स मिल जाएंगे, जो इस कट्टरपंथी संगठन के साथ जुड़ना चाहते हैं, ये यूज़र्स कमेंट करके पूछ रहे है कि PFI से किए जुड़ सकते हैं. इससे स्पष्ट हो जाता है कि PFI ने पहले ही समाज में कितना जहर घोल रखा है .
PFI को बैन कर सकती है केंद्र सरकार :-
इसके साथ ही यह जानकारी भी मिली है कि केंद्र सरकार, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर भी बैन लगाने को लेकर विचार कर रहा है. देश में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों में PFI का हाथ होने की जांच सुरक्षा एजेंसियां कर रही हैं. मध्य प्रदेश भाजपा के नेता वीडी शर्मा ने राज्य के खरगोन में भड़की हिंसा में PFI की भूमिका होने की बात कही थी. उत्तर प्रदेश पहले ही केंद्र सरकार से PFI को प्रतिबंधित करने की मांग कर चुका है. बता दें कि PFI भारत में इस्लाम के तालिबानी संस्करण को थोपना चाहता है. यह उदारवादी मुस्लिम संगठनों को हटाना चाहता है. PFI में IED बम बनाने और जमीनी स्तर पर खुफिया जानकारी जुटाने के लिए प्रशिक्षक मौजूद हैं. PFI नेतृत्व अक्सर हज के नाम पर खाड़ी देशों की यात्रा करता रहता है, मगर इसका असल उद्देश्य फंड इकट्ठा करना है. जिसका उपयोग गैरकानूनी गतिविधियों में ही अधिक होता है.
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