कोरोना से लड़ने के लिए भारत में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है. इस लॉकडाउन में मदद करने वाले हाथ बढ़ा रहे हैं. मुरादाबाद, उप्र के गांव रतनपुर कलां में अनेक युवा संकट की घड़ी में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए जिस तरह मसीहा बन गए हैं, वह अनुकरणीय है. यह सिलसिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद ही शुरू हो गया था. गांव के युवाओं ने तय किया कि गरीब परिवारों को संकट की इस घड़ी में मदद पहुंचाने का जिम्मा उठाएंगे. उन्होंने सूझबूझ के साथ योजना बनाई. चीजें जुटाईं और मदद का पैकेट तैयार कर चुपके से दरवाजा खटखटाकर जो घर में मिला, उसको सौंपकर आगे बढ़ गए.
सड़क पर कोरोना को लेकर पुलिस के स्लोगन ने लोगों को किया सतर्क
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अब हर दिन गांव में 350 पैकेट्स पहुंचाते हैं. युवाओं की टीम के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है.मुरादाबाद जिले से लगभग 15 किमी दूर हाईवे से सटे पाकबड़ा के गांव रतनपुर कलां में मोबाइल की दुकान चलाने वाले मुहम्मद आरिफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जरूरतमंदों के लिए अपील पर प्रभावित हुए. अपने मन की बात दोस्तों के साथ शेयर की. शारीरिक दूरी बनाते हुए बैठक की और योजना तैयार की गई. ऐसे लोगों की लिस्ट को फाइनल किया गया, जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं.
छत्तीसगढ़ : इस वजह से प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को नहीं भरना होगी फीस
इस दौरान उन्होने 350 लोगों की लिस्ट को फाइनल किया. इसके बाद गांव के ही थोक विक्रेता के मोबाइल एप पर धनराशि भेज दी गई, शर्त के मुताबिक राशन के पैकेट बनकर आ गए. घरों में राशन पंहुचा दिया गया. पैकेट में आटा, दाल, चावल आदि मिलने पर बुझ चुके चूल्हे जलने लगे. गांव के युवाओं के इस कदम की क्षेत्र में तारीफ हो रही है. दूसरे गांव प्रेरणा ले रहे हैं.
पद्मश्री से सम्मानित निर्मल सिंह की कोरोना से मौत, गुरु नानक देव अस्पताल में ली अंतिम सांस
कोरोना: तेलंगाना में 3 की मौत 30 संक्रमित, सभी तब्लीगी जमात में हुए थे शामिल
जयपुर में एक मरीज ने 7 लोगों को किया संक्रमित, अरुणाचल में कोरोना का पहला मामला दर्ज